
अगर राजनीति करनी है तो इनसे सीखो अगर जनता के दिल में जगह बनानी तो भी इनसे सीखो और अगर चुनवा लड़ना है तो भी इन्ही से गुरू दीक्षा लो... क्योंकि ये है सच्चे राजनेता जो करते है जनता के हिथ का काम... और सुनते है जनता की... तभी तो हम सब ने इन्हे 2 बार विधायक और फिर विधायक से सीधे सांसद बनाया और केन्द्र में मंत्री भी... ये हैं झांसी से सांसद और केन्द्र में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य... जो है सच्चे राजनेता जरा इनको भी देखलेना चाहिए क्योंकि हमे इनसे है काफी उम्मीद केवल इनसे न ही इनकी पार्टी से और न किसी भी पार्टी से हमे तो जो बुन्देलखण्ड दे दो वो ही हमाराहीरो है लेकिन हमें आपसे इन से उम्मीदे ज्यादा है...
किसी ने सच कहा है..
कब तक हम यू ही दूसरों के सहारे जीते रहेगे हम जब स्वयं में राजा है तो हमें हमारा हक क्यों नहीं देते तुम...
TIME
- अपनों की ठोकर (1)
- उमा की घर वापसी........ (1)
- और कौन हो सकता है निशाने पर (1)
- कोई बड़ी बात नहीं ये होना (1)
- चलेगा बजट सत्र या होगा हंगामा (1)
- चव्हाण की कुर्सी पर कौन ? (1)
- नाबालिग से है बलात्कार का आरोप (1)
- नितिन गडकरी का बयान (1)
- निह्त्थों पर चलाई गोली (1)
- नीतीश की ताजपोशी में अश्लीलता (1)
- बाबा से करेगी शादी और हनीमून चांद पर (1)
- बिना शादी के लौटी बारात (1)
- माया तेरी अजब कहानी (1)
- राम राम सत्य है मूर्दा बड़ा चुस्त है. (1)
- लंका में निकला बिग ब्रदर (1)
About Me
- rachit kathil
- मै एक छोटे परिवार से हूं और एक सफल पत्रकार बनकर लोगों के कष्टों को सबके सामने लाना है....
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बॉलिबुड में हमेशा से चर्चाओं में रहने वाली राखी सावंत अब एक बार फिर से अपने आप को चर्चा में रखना चाहती है.. और उन्होने फिर से शुरू कर दिया है एक एसा शो जो कर रहा है अजब देश की गजब कहानी को बया.. लेकिन इस शो के पहले में राखी की वो बायान जो लोगो को फिर से इंसाफ दिलाये ये तो लाजबाब है राखी ने अपने इस शो के पहले मीडिया मे जो कहा वो तो ओर चौकाने वाला है ...लेकिन उनके इस बयान ने लोगो को भी सदमें में डाल दिया.... जिसके चलते राखी एक बार फिर विवादों का हिस्सा बन गयी...राखी ने कहा कि वो बाबा रामदेव से बहुत प्यार करती है और उनसे शादी भी करना चाहती है जिसके चलते वो उनके लिये दीवानी भी है...राखी ने तो यहां तक कह कि वो आपके लिये बाबा होगे वो तो मेरे लिये स्वामी है..ये बाते सुनकर आखिर कार कौन सा ऐसा शख्स होगा जो राखी की इन बातो पर मजा नहीं लेगे लेकिन जब राखी ने ये कहा कि उन्हे बाबा में उनका पेट ज्यादा पसंद है तो फिर तो ये बात संच है कि अब बाबा का क्या होगा क्योंकि राखी जैसी हसीना उनके पीछे जो पड़ गयी है.... लेकिन राखी सावंत जहां अपना स्वयंबर करा चुकी है और शादी शुदा जिंदगी भी बिता रही है उन्हे एसी बात शोभा नहीं देती है... राखी की इस बात पर तो बाबा ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन राखी ने अपने शो को और पॉपूलर करने के लिये ये भी कह दिया कि वो बाबा से ज्लद ही शादी करने वाली है बाबा के साथ हनीमून के लिये चांद पर जायेगी....जिसके लिये राखी ने तैयारी भी शुरू कर दी है.. वहीं राखी का कहना है कि बाबा उनके शो में आयेगे और उनसे इस विषय में वो बात भी करेगी अब देखना ये है कि क्या बाबा रामदेव राखी सांवत का प्रपोजल मानते है या नहीं... और इस पर वो क्या टिप्पणी देगे.....


उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत दिन प्रति दिन चिंताजनक होती जा रही है। इस प्रदेश में अब महिलाओं ओंर लड़कियों के खिलाफ अपराध के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। चाहे वह लखीमपुर खीरी का मामला हो या फिर रायबरेली का मामला हो... वहीं एक महिने के अंदर बलात्कार के कम से कम 30 ज्यादा मामले साने आ चुके है...जहां अभी तक तो सिर्फ आम जनता की बहु बेटियो का शिकार हो हुआ करता था.. और अब तो पुलिस वालों की बहु बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैतो हमारी सुरक्षा कैसे होगी....वीते 10 जून को लखीमपुर खीरी में हुए नबालिग लड़की से हुए बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी ..... और उसका शव भी थाना परिसर में ही दफनाया गया था... जिसके चलते इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो सरकार के होश उड गये और तुरन्त इस मामले में कार्वाही करने का आदेश दे दिया.. और आरोपी पुलिस वालो को सस्पेंड भी कर दिया था.... लेकिन अभी लखीमपुर खीरी की आग ढ़ंडी ही नहीं हुई थी कि वर्दी वाले इन गुण्डों का एक और नया चेहरा देखने को मिला...और ये चेहरा जिस रूप में देखने को मिला ये पढ़कर आप की रूह काम जायेगी.. क्योकि अब इन वर्दी वाले गुण्ड़ो को अपने ही साथियों की बहू बेटी पसंद आने लगी है.. वाक्या बुन्देलखण्ड के झांसी जिले का है... झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील में दो युवतियों के साथ गौंग रेप किया गया... और ये गैंग रेप किसी गुण्डे ने नहीं बल्कि ये गैंग रेप किया है वर्दी वाले गुण्डों ने जो है इस समय नशे में चूर... इस गन्दे काम को कोई और करे तो उस पर पुलिस कठोर कारवाई करती है और ये तो अब वर्दी वाले गुण्डों ने किया तो फिर इनका क्या होगा ये एक बड़ा सवाल है... वो भी एक नहीं 5 -5 वर्दी वाले गुण्डो बलात्कार किया.... वहीं ये दोनों पीड़ित लड़की किसी आम परिवार की नहीं बल्की हमारी सुरक्षा का भार सहने वाली पुलिस कर्मचारियों की बेटी है ... जो अपने परिवार से आयी तो थी चित्रकूट जाने के लिये लेकिन रेलवे स्टेशनों पर कुछ लड़को द्वारा छेड़ने पर पुलिस ने उन लड़को के साथ इन्हे भी थाने ले गयी ...जहां पर थाने में बिना महिला कांस्टेबल के पूरी रात दो लड़कियों को बंधक बनाकर रखा और उसके बाद उनके साथ हुए वर्दी वाले गुण्डो ने किया घिनोना काम वहीं जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए मामले की जांच की बात कही है वहीं इस पूरे मामले से आम जनता के मन में यही सवाल उठ रहा है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जायेंगे तो हमारी रक्षा कौन करेगा .... जहां इस प्रदेश की मुखिया बार बार यही बात कह थी है कि य़ूपी में क्राइम कम हो गयी है और महिलाओं की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जायेगा... तो कहीं ये बाते सरकारी कागजों तक ही तो सीमित नहीं ....या फिर चुनाव के लिये मायावती जी ये नयी चाल चल रही हों..लकिन अब ये जनता इन सारे सवालों का जबाब चाहती है कि ये अपाराध कब तक रूकेगे .. और महिलाओं की सुरक्षा पर कब ध्यान दिया जायेगा... क्योंकि वे खुद क महिला है.... ये सारे जबबा अब माया मेम जनता चुनाव के बादों से पहले चाहती है...
बाइट--- ये जो भी हुआ बड़ा गलत हुआ है और अब तो सरकार को अपनी आंखे खोल लेना चाहिए कि उनके अधिकारी ये क्या कर रहे है
हरिश्चंद्र आर्य (नगर पालिका अध्यक्ष) मऊरानीपुर झांसी
बाइट—जो हुआ वो गलत है जब रक्षक ही भक्षक बन जायेगे तो जनता किस पर विश्वास करेगी मैं इस की जांच करूंगा और माया सरकार में ये जंगल राज मचा हुआ है...
प्रदीप जैन आदित्य (केन्द्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री )भारत सरकार



आज कल कुछ अभिनेत्री कुछ अगल तरह से अपना नाम फैमश करने में लगी है..बहुत कम समय में अनुष्का शर्मा का शुमार बॉलिवुड की नामचीन हीरोइनों में से एक है बैंड बाजा बरात के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का आईफा अवार्ड पाने वाली ये अदाकारा मुम्बई एयरपोर्ट पर अघोषित ज्वैलरी और कीमती घड़ियां मिलने पर हिरासत में ली गयी..ज्वैलरी में हीरे की अंगूठी और सोने की चेन शामिल है.. अनुष्का को 27 जून को दोपहर करीब 3 बजे मुम्बई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिय़ा गया था...उनेक पास से करीब 50लाख रूपये के जेवरात और कीमती घड़ियां बरामद हुई थी...अनुष्का इस सामान के बारे में कोई पुख्ता जबाब कस्टम विभाग के अधिकारियों को नहीं दे पाई है...अनुष्का कनाडा के टोरंटो में आईफा समारोह में हिस्सा लेकर भारत लौट रही थी.. वहीं अनुष्का टोरंटो से सिंगापुर होते हुए भारत पहुंची थी....वहीं मुम्बई एयरपोरेट में ग्रीन चैनल से गुजरते वक्त अनुष्का को कस्टम विभाग के कुछ आलाधिकारियों ने रोक लिया...और कस्टम विभाग ने बिना कस्टम ड्यूटी चुकाये अनुष्का के साथ जा रहे सामान को रोक लिया और कई घंटो तक पूछताछ की ..कई घंटो की पूछताछ के बाद अउष्का ने विभाग को बताय कि ये गहने वो इंडिया से ही अपने साथ टोरंटो ले गयी थी... इसी वजह से ही उन्होने इस का डिक्लयरेशन नहीं किया थाजिसके लिये कस्टम विभाग के अधिकारियो ने उन्होने कस्टम विभाग में कई घंटों तक बिठाये रखा..अनुषका का की दलील थी कि इन जेवरों पर कोई कस्टम ड्यूटि नहीं बनती है..वहीं इस सच को पता लगाने के लिये इन जवेलरी से संबधित जवेलर को भई कस्टम विभाग ने बुलाया गया...अनुष्का के प्रव्कता ने बताय कि उन्हे बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है..और जो जेवर अनुष्का के पास मिले है .वो उन्हें अलग-अलग ब्रांड ने मुहैया कराए है..वहीं प्रवक्ता ने ये भी कहा है कि ये ज्वैलरी अनुष्का की नहीं है..वहीं पिछले महीने अभिनेत्री मिनिषा लांबा को भी मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर कस्टम के अधिकारियों ने हिरासत में लिया था..मिनिशा की तलाशी के दौरान उनके पास से 55 लाख से ज्यादा की ज्वैलरी बरामद हुई थी..वेलडन-अब्बा और बचना ऐ हसीनों की इस अदाकारा को कस्टम विभआग के सवालों के जबाब देने में पसीने आगये थे..इन्हे करीब 16 घंटो के बाद कस्टम ने छोड़ा था..वहीं मई महिने की 26 तारीख को भी एक और दिलकश आदा कारा को भी कस्टम विभाग ने उनके सामान के साथ रोक लिया था... ..ये अदाकारा है बॉलीबुड की अभिनेत्री बिपाशा बसु जिन्हे मुंबई एयरपोर्ट पर 65 हजार की कस्टम ड्यूटी न चुकाने पर कस्टम विभाग ने रोका था...वहीं घंटो की पूछताछ के बाद बिपाशा बसु को जुर्माना भी भरना पड़ा था....और बाद में बिपाश ने मीडिया से ये कहा कि मुझे कस्टम के नियम नहीं मालूम थे...वहीं इस तरह का बयान इससे पहले भी मिनिषा लांबा के मुह सुनने को मिला था..दरसल ग्लैमर वर्ल्ड के कई सितारे शोहरत को पचा नहीं पा रहे है...वो एसी हरकते करते है ताकि उन पर उंगलियां उठने लगे ...जिससे लोग उनके उपर उंगली उठाये... मायानगरी के बहुत से कलाकार इस बात पर भी भरोसा नहीं करते है कि बदनाम हुए तो क्या हुआ मेरा नाम तो होगया...ये ही सच्चाई है इस बॉलिवुड की....
मिनिषा लांबा
दिनांक- 14 मई 2011
गिरफ्तर- छत्रपतिशिवाजी टर्मिनल
आरोप-55 लाख की कस्टम ड्यूटी की चोरी
बिपाशा बसु
दिनांक- 26 मई 2011
आरोप- 65 हजार की कस्टम ड्यूटी की चोरी
अनुष्का शर्मा
दिनांक- 27 जून 2011
गिरफ्तार- मुंबई एयरपोर्ट
आरोप-50लाख की कस्टम ड्यूटी की चोरी



राजनीति कब कब करवट बदलती है ये तो कोई नही जानता है....और करवट भी इस तरह से कि लोगो को कोई शक भी न हो... बीजेपी हो या फिर कोई अन्य राजनीतिक पार्टी हर कोई करवट बदल ने में माहिर है...बीजेपी तो इन सब में सबसे आगे है क्योकि अब उसे दिख रहा है यूपी की गद्दी का राजतिलक ... और इसके लिये उसने उठा लिया है एक एसा वाण जो शायद यूपी की गद्दी को दिलाने में बीजेपी के लिये राम बाण साबित हो सके... ये वो बाण है जो आप लोगो के दिमाग में हमेशा रहता है यानि कि सजन अब घर लौट आओ... जी हां यही सोच लेकर बीजेपी उतरी है मैदान में और उसने अपना पहला तीर छोड़ा है मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़ में 13 मई 1959 में जन्म लेने वीली उमा भारती को अब घर वापस बुला लिया है... ये वो ही उमा भारती है.. जिन्हे बीजेपी ने 6 साल पहले बागी का नारा देकर घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया था..... और आज उन्ही का दाम थाम बीजेपी निकल पड़ी है उत्तर प्रदेश की गद्दी का सपना सजाने..... उमा भारती ने 1984 में बीजेपी से सबसे पहला चुनाव लडा था.. जिसमें उन्हे हार का सामना करने पड़ा था ... फिर उमा भारती ने 1989 में मध्य प्रदेश के खजुराहो से चुनाव लड़कर लोक सभा में पहला कदम रखा था.... और 1991,1996,और 1998 में इसी सीट से चुनाव लड़कर बीजेपी की एक सीट को मजबूत रखा... इसके बाद उमा भारती को पार्टी ने 1999 में भोपाल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया....और एक बार फिर उमा की लहर ने पार्टी के विश्वास को बरकरार रखा... और अटल बिहारी की मजबूत सरकार का एक हिस्सा भी बनी...और इन्हे राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया ....
उमा भारती की लहर बीजेपी की उम्मीदो को इस तरह बढ़ा रही थी कि मध्य प्रदेश की पूरी कमान उनके हवाले कर दी गयी थी ... जिसके चलते उमा का बीजेपी को एक और रूप देखने मिला... ये रूप बीजेपी को जीत के रूप में देखने को मिला .... 10 सालो से मध्य प्रदेश में राज कर रही कांग्रेस की सरकार को उमा की लहर ने साफ कर दिया और दिग्गविजय सिंह को बता दिया कि वो एक साध्वी के साथ साथ एक नेता भी है जो जनता का दर्द जानती है......इसके बाद उमा को बीजेपी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर भी बिठाया लेकिन 2004 की दीपावली उमा भारती के लिये बीजेपी से बनवास के रूप में सामने आयी... नवंबर 2004 में धनतेरस के दिन आडवाणी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमा भारती काफी बुरा-भला कहने के बाद वहां से चली गई थी। इस पर बीजेपी ने उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया और पूछा कि क्यों न उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए। जिसके कुछ दिनों बाद उमा के सामने ये मुद्दा आया कि अब उनकी जगह शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनेगे तो उमा ने इसका विरोध किया और पार्टी ने आखिरकार वर्ष 2005 में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा ही दिया। और उमा भारती ने राजनीति में एक और नयी पार्टी को जन्म दिया... उसका नाम भी भारतीय जनता पार्टी से मिलता जुलता रखा गया .... उमा की नयी पार्टी का नाम भारतीय जनशक्ति पार्टी रखा ताकि उन्हे बीजेपी से लगाव बना रहे ... वहीं इस पार्टी के वर्तमान में मध्य प्रदेश के विधान सभा में 5 विधायक है ... और इस पार्टी से चुनाव हारने के बाद उमा भारती ने इस्तीफा भी दे दिया है.... जिसके बाद से ये अटकले लगयी जारही थी कि उमा भारती जल्द ही अपने घर में वापसी करेगी और ये सब नितिन गडकरी की महनत का असर है जो आज उमा भारती बीजेपी में वापिस आयी है क्योंकि बीजेपी में भी उमा को चाहने वाले कम उनके दुश्म ज्यादा है.. लेकिन बीजेपी की डूबती नइया पार लगाने में उमा को साथ में रखना पार्टी के लिये बहुत जरूरी है क्योकि बुन्देलखण्ड और अन्य जिलो के यदि लोधी वोट बैंक को चाहिए तो उमा का साथ होना बहुत जरूरी है...क्योकि उमा ही एक एसी नेता है जो जनता को अपने भाषणो से बांध कर रख सकती है.. और इनका साथ होना बीजेपी के लिये बहुत जरूरी है यदि यूपी का सहरा बीजेपी को अपने सिर बांध ना है..
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हमारे देश की राजनीति जब जब करवट बदलती है तब समझो कि अब कोई न कोई नया गेम शो शुरू होने वाला है.. और ये गेम शो चुनावी दौर के वक्त ही शुरू होता है... लेकिन जब चुनाव देश की राजनीति तय करने वाले प्रदेश में होतो तो बात ही कुछ ओर है..जी हां देश के कुछ राज्यों में 2012 में विधान सभा चुनाव होने है..उनमें से एक सरकारी आंकड़ो का उत्तम प्रदेश भी है जी हां उत्तर प्रदेश... जिससे पूरे देश की सत्ता तय होती है कि किस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने वाला है..लेकिन इस प्रदेश पर हर पार्टी अपना कब्जा करना चाहती है...चाहे वह राष्ट्रीय पार्टी हो या फिर राज्य स्तरी पार्टी ही क्यों न हो..सभी अपनी अपनी ताकते आजमाने में लगे है.. क्योंकि हर कोई उत्तम प्रदेश का सिरमोर पहनना चाहता है.. जिसके लिये उन्होने उत्तर प्रदेश के अति पिछड़ी जगह बुंदेलखण्ड को चुना जो हर किसी पार्टी के लिये मील का पत्थर साबित हो सकता है... जिसको कांग्रेस के युवराज ने मील का पत्थर मानकर अपनी यात्रा दुबारा यहीं से शुरु की और एक बार फिर इन बेबस और मजबूर किसानों कि दुखती रगों पर रोटियां सेकने की तैयारी में हर पार्टी इस बार बुन्देलखण्ड को ही अपना निशाना बना रही है .. ये वहीं बुन्देलखण्ड है जो कभी सूखे की मार झेलता है तो कभी ज्यादा बारिश की फिर भी यहां के किसानो की हालत इन राजनेताओं के गले नहीं उतर रही है..जिसके लिये एक तरफ राहुल अपना मिशन यूपी का सपना सजोये बुन्देलखण्ड के हर गांव के दौरे पर निकल आये है वहीं बीएसपी सुप्रीमो के दौरों के बाद अब उनका कैबिनेट मंत्रियों के दौरे बुन्देलखण्ड की जनता को दिखने लगे है... वहीं कांग्रेस युवराज राहुल गांधी के बार बार कहने पर पीएम मनमोहन सिंह ने भी बुन्देलखण्ड के दौरे पर जाना उचित समझा.. और दोनो ने इस की शुरुवात उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से की ... पहले तो दोनो ने बुन्देलखण्ड के किसानो का दुख दर्द सुना और फिर एक के बाद एक घोषणा शुरु कर दी ताकि जनता को ये लगे की उनके हित में कांग्रेस कितना सोच रही है.. लेकिन कांग्रेस ने वहां भी एक तीर से दो शिकार करना उचित समझा... और जनता को ये लगा कि ये लोग मद्द करने के लिये आये है लेकिन वहां तो कुछ ओर ही तीर चल रहे थे ... बुन्देलखण्ड के विकास के लिये प्रधानमंत्री ने जहां बुन्देलखण्ड को 200 करोड़ का बजट दिया वहीं माया मेम पर भी निशाना साधने से पीछे नहीं हटे...और ये भी कह दिया की यूपी सरकार इस बजट को लोगो तक नहीं पहुंचने देती है और वह उपर ही उपर हजम हो जाता है..लेकिन पीएम के बाद राहुल भई कैसे चुप रह पाते और राहुल ने भी माया सरकार को कठ घरे में लाकर खड़ा कर दिया... ताकि सब को ये लगे की हम जनता के बहुत हितेशी है... वहीं एक तरफ राहुल के तीर चले और माया मेम चुपचाप देखती रहे एसा तो होई नही सकता था... माया सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर ने राहुल के चलाये गये एक एक तीर का करारा जबैब दिया ओर कह डाला कि माया सरकार ने कभी भी बुन्देलखण्ड के किसानो कुछ गलत नही सोचा है माया सरकार ने तो इसे के लिये अलग से एक प्रधिकरण भी बनाया है ताकि बुन्देलखण्ड का विकास हो पाये वहीं किसानो की सरकार हर सम्भ मद्द करती है इसके लिये हर बार कोई न कोई घोषणा भी करती है...ताकि बुन्देलखण्ड के किसान को हर सम्भव मद्द मिल सके और शाशंक शेखर भी इन आरोपो को कैसे सुनलेते तो बीएसपी ने भई एक तीर से दो शिकार खेले और कांग्रेस के युवराज से पूछ ही डाला कि उनके पिता ने 1987 में बुन्देलखण्ड में एक गिलास फैक्ट्री का शिलान्यास किया था वो अब तक तो दिखाई नही दी है तो फिर कौन चोर है... लेकिन राजनेता चाहे जितनी रोटी सेक लें लेकिन इस बार जनता सब जान चुकी है कि हमारा कौन है और पराया कौन है... इस लिये कहते है कि ये जनता सब जानती है....




हम भ्रष्टटन के भ्रष्ट हमारे ये कहना कहीं गलत नहीं है...क्योंकि आज कल भ्रष्ट ही हमारे हो चुके है.... एक तरफ जहां देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिये देश में लड़ाई जारी है वहीं दूसरी ओर देश के राजनेता अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए है...तभी तो ये कहा जा रहा है कि हम भ्रष्टटन के भ्रष्ट हमारे आज कल राजनेताओं की राजनीति तो इस कदर सिर चढ़ कर बोल रही है कि वो इस कानून की लड़ाई लड़ने वाले राजनेताओं की पीछे ही हाथ थोकर पड़े हुए है... लेकिन उनके हाथ इतने लम्बे नहीं है कि जनता के हित में जारी होने वाले इस बिल को रोक पाये .... समाजसेवी अन्ना हजारे की ये मुहीन आज लोगो के दिलों की धड़क्कन बन चुकी है.. जनता आज इस बिल को लेकर काफी उत्तेजित है लेकिन राजनेता चाहे कुछ भी नये पेतरे अपना लें लेकिन इस बिल को तो सरकार को पास करना ही होगा....
इस बिल को लेकर छिड़ी मुहीम ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार की पोल खोल कर रख दी है.... इस बिल के लिये जैसे ही जंतर मंतर पर लोगो ने अन्ना का समर्थन करना शुरु ही किया की सरकार को भी मिस्त्र का डर सातेने लगा... कि कहीं कांग्रेस को लेकर भी जनता सड़क पर न आजाये... जिसके चलते कांग्रेस ने क तीर से दो शिकार करने शुरु कर दिये ..... कांग्रस जहां स बिल को लेकर चिंतन कर रही थी वहीं कांग्रेस के महसचिव और हमेशा किसी न किसी बात को लोकर चर्चा में रहने वाले दिग्गीविजय सिंह ने जनता के सामने उन लोगो को खड़ा कर दिया जो इस मुहीम के हिस्सेदार है...दिग्गी राजा ने सबसे पहले इस मुहीम के सबसे बड़े हिस्सेदार और भ्रष्टाचार को लेकर लोगो के सामने सरकार की पोल खोलने वाले बाबा रामदेव को कट घरो में लाकर खड़ा कर दिया और कह दिया की ये लोग जो भ्रष्टाचार को लकेर इतनी सारी बातों कर रहे हैवो पहले अपनी ही सम्मपती का ब्यौरा दें...दिग्गविजय सिंह ने अकले रामदेव को ही नहीं अन्ना हजारे, अरविन्द केजीवाला , शांति भूषण और उनके बेटे तक को सामने खड़ा कर दिया ....यही नहीं इस लोकपाल बिल की पहली बैठक में भी सियासी राजनीति जमकर सामने आयी....बिल पर हुई पहली बैठक को लेकर जो चर्चा हुई वो तो बहुत अच्छी थी लोकिन जो बाहर निकल कहा वो भी अच्छा था... ये इसारा में जिस की तरफ कर रहा हूं वो आप लोग अच्छी तरह से समझ रहे होगे...... मैं यहां बात कर रहूं मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की जो अन्ना के लिये दूसरे दोषी के रुप में सामने आये है.... अन्ना का मानना है कि लोगो को बैठक से बाहर निकल कर कुछ कहा और घर पर जाकर कुछ खास मीडिया के लोगो से कुछ और बाते कही जिससे जनता के मन में इस बिल को लेकर कुछ न कुछ गलत संदेश जरूर पहुंचा है... वहीं इस बिल को लेकर अन्ना की लड़ाई अब जोरो पर है...इस बिल को लेकर हर पार्टी अब राजनीति के चमकाने का काम कर रही है... चाहे वह बीजेपी हो या फिर अन्य कोई पार्टी क्यों न हो.....सभी की नजरे अन्ना के इस बिल पर आकर टिक गयी है... क्योंकि हला ही में कुछ राज्यों में विधान सभा चुनाव होने है... जिसके चलते लोगो को लुभाने के लिये शीतकालीन सत्र में जरूर ये मुद्दा संसद की गूंज बनेगा.... वहीं पहल इस मुहीम के द्वारा जनता के कई सवाल सरकार से पूछने जा रही है कि वो इस बिल पर आखिर कार इतनी राजनीति क्यों हो रही है....ओर कहां तक ये बाते सच्च है कि सरकार पर जो आरोप लगे है वो सारे सही है...ये सारी बाते जनता जानना चाहती है.... वहीं जनता के साथ साथ अन्ना ने भी यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिठ्ठी लिख कर ये साफ कर दिया है कि ये जो हो रहा है वे कहां तक सही है क्या दिग्गविजय ओर कपिल सिब्बल के बयानों के पीछे कहीं कांग्रेस का हाथ तो नहीं ये सारी बातो के जबाब अन्ना ने सोनिया ये पत्र में लिख कर मांगे है वहीं इस पत्र ने ये भी साफ कर दिया है कि ये पत्र नहीं ये एक चेतावनी है....जो कांग्रेस के लिये एक सबक है............

उत्तर प्रदेश की सियासी राजनीति तो आपने जरुर देखी होगी…. लेकिन इस राजनीति पर अब कुछ खास नजर रखाना जरुरी है क्योंकि अब ये राजनीति वोट बैंक और विकास के वादों की नहीं बल्की खूबसूरती की हो गयी है...उत्तर प्रदेश में 2012 में विधान सभा चुनाव होना है और वहीं अब लोगो को लुभाने के लिये एक नया तीर चलाया गया है..
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को तो आपने बीएसपी मुखिया सुश्री मायावती पर कड़े से कड़े तीर छोड़ते हुए तो मंचों पर सुना होगा...लेकिन जब कोई कुछ खास अंदाज में मायावती पर निशाना साधे तो फिर क्या कहना ? ... मुलायम सिंह तो मायावती के जानी दुश्मनों में से एक है जो एक दूसरे को देखते ही भड़क उठते है.... वहीं जब बात रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की हो तो मायावती कभी भी उन्हे अपनी आंखों के सामने नहीं देख सकती है..... लेकिन जब पत्रकारों के सवाल की बात आये तो कोई कैसे चुप रह सकता है.... लखनऊ में विधान सभा सत्र से एक दिन पहले प्रेस कॉफ्रेस में मुलायम ने राजा भइया की जगह पत्रकार के सवाल पर अपनी ही खूबसूरती को दिखा दिया कि हम उनसे ज्यादा खूबसूरत है... पत्रकार ने जब मुलायम सिंह से पूछा कि अपराधियों के चुनाव लड़ने के बारे में उनकी और मायावती की राय एक जैसी क्यों है.... तो मुलायम ने ये जबाब दे कर लोगो का मुह बंद कर दिया है.....लेकिन जब ये बात मुलायम ने कही तो उस समय मुलायम का चेहरा देखने काबिल था.....लेकिन बार बार इस बात को ध्यान करते वक्त मुझे ये ही याद आता है कि क्या मुलायम को अब माया के सामने अपनी खूबसूरती दिखानी होगी या फिर अपना दमखम ....लेकिन मुलायम सिंह तो समाजवादी नेता है वे कैसे खूबसूरती की बात कर सकते है.....और समाजवाद तो महिलाओं का आदर करता है.... तो क्या इस बार मुलायम सिंह को ब्यूटी प्लार जाकर खूबसूरत होना होगा या फिर ब्यूटी टिप्स लेनी होगा अपने चेहरे निखार लाने के लिये......वैसे मुलायम तो दिखते ही सुन्दर हैं.... उन्हे किसी से टिप्स लेना की जरुरत ही कहां है वे तो दूसरों को टिप्स दिया करते है...
लेकिन चुनाव में तो यूपी में कई पार्टियां हिस्सा लेती है फिर किस किस को मुलायम की तरह सुन्दर देखना होगा....और कितनी ब्यूटी टिप्स लेनी होगी..... वहीं यदि और बड़ी पार्टियों की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के सामने तो यह सवाल बहुत बड़ा होगा....कि उनकी पार्टी को ऐसा कौन सा चेहरा सामने लाना होगा कि उसे वह सुन्दर बता सके......और मैदान में बाजी मार सके ताकि यूपी पर उनका कब्जा हो सके.....यदि हम माया और मुलायम की सुन्दरता के सामने युवाओं की सुन्दरता की बात करते है तो मुलायम के सामने तो विकल्प है लेकिन माया का क्या होगा...वहीं सभी पार्टियों के पास भी सुन्दर युवा चेहरे तो है लेकिन कोई बड़ा नेता सुन्दर नही है जिसे वो मुलायम और माया की सुन्दरता के बीच खड़ा कर सके.....
वहीं पहल अनोखा कदम इस सुन्दरता पर कई सवाल खड़े करने जा रहा है कि क्या अब यूपी के नेताओं को चुनाव जीतने के लिये कैट वोक करना होगा....या फिर चुनाव में रैलियों से पहले ब्यूटी पार्लर जा कर नोताओ को खूब सूरत होना होगा.... या फिर विकास की जगह सुन्दरता ही नया एजेंडा होगा.....ये सारे सवालों का जबाब कौन देगा ? जो पहल ने मुलायम के इस सुन्दर तीर से छोड़े है.... क्या मुलायम सिंह को इस बार यूपी चुनाव में जनता से खतरा लग रहा है जो सुन्दरता की बातों से लोगो को लुभआने की सोच रहे है..... इस फैशन के दौर में पहल अनोख कदम तो यही है कि क्या इस बार यूपी में होने वाले 2012 के चुनावी एजेंडा में क्या सुन्दरता ही काम आयेगी या फिर प्रदेश का विकास..... ये तो वक्त आने पर जनता ही बतायेगी..... कि सुन्दरता लोगो को कितना लुभाती है.....या फिर उनका विकास लोगो को लुभाता है.... वहीं मुलायम के इस बयान पर विपक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा है कि वो खुद तो कितने सुन्दर है ये तो सबको पता है और ये जनाता भी जानती है...इस सुन्दरता की प्रतियोगिता में अब कैटरीना, एशोरया, हेमामालनी, के बाद लोगो को अब मुलायम, माया, रीता, सूर्य प्रताप शाही में से किसी को तलाशना होगा तभी तो इस प्रतियोगिता में कोई विजय होगा......
बाइट मुलायम सिंह , सुप्रीमो ,समाजवादी पार्टी
मैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमों मायावती से ज्यादा खूबसूरत हूं इसलिए कोई उनकी तुलना करने की बात ही नहीं है......

प्रदेश में ये क्या हो रहा है....क्या ये वही प्रदेश है जिसे लोग उत्तम प्रदेश के नाम से जानते है...या फिर वो प्रदेश है जिसे लोग उत्तर प्रदेश कहते है.. इस प्रदेश में आज कल कुछ दिनों से काफि सर्गियां तेज है आखिर कार क्या मामला है जिससे ये प्रदेश आये दिन चर्चा में रहता है... ये प्रदेश कभी बलात्कार के मामलों में तो कभी चमचागिरी के मामलों में लोगो के सामने आते रहता है...जी हां हम बात कर रहे उसी उत्तम प्रदेश की जो सरकरी आंकड़ो मे ही उत्तम है.... जहां अब आम जनता के साथ खेला जा रहा है एक ओर सौतेला व्यवहार....ये व्यवहार केवल 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान हो रहा है...क्यों कि यूपी का राजनीति ही है जो देश और प्रदेश की राजनीति को तय करती है...जिसका अब पूरा फायदा उठाने में लगी है माया मैम साहब.....
उत्तर प्रदेश में 2012 में विधान सभा चुनाव होने है और उस पहले 2011 के सितम्बर या अक्टूबर प्रदेश में नगर निगम के चुनाव है...जिसके चलते माया मैम कोई भी मौका नही खूना चाहती है...उसके लिये माया सरकरा ही नही अन्य पार्टियों ने भी तैयैरी शुरु कर दी है... जिसके लिये बीएसपी ने एक नयी चाल चलकर लोगो को बता दिया कि चाहे कुछ भी हो जाये सरकार उनकी आयेगी...जिसके लिये वो हर सम्भव प्रयास कर रही है.....ओर उनका ये प्रयास आम जनता के सामने तब आया जब माया सरकार ने विधान सभा में विधेयक रखा कि लोगो को अब नगर निगम और नगर पंचायत के अध्यक्षो को नहीं चुन्नेगे और इन्हे सिर्फ चुने हुए प्रत्याशी ही चुनेगे..... जिस लेकर लोगो के अंदर काफी रोष व्यापत है....कि उनक अधिकारो के साथ ही सरकार क्यो खेलती है और उनकी परेशानी को अब कौन सुनेगा जब ये विधेयक पास हो जायेगा...... वही इस देश मे जहां जनता को सिर्फ एक ही अधिकार था कि अपने मत के प्रयोग से अपने शहर की सम्सयाओँ को का निदान कराने के लिये वो अपना प्रतिनिधि चुनकर उन पर अम्ल करा सकता था लेकिन सत्ता की भूख ने वो भई आज उनसे छईनने की मुहीनम चला दी है....जिसके चलते आज जनता ही नही पूरे प्रदेश में केवल एक ही चर्चा है कि अब जनता को क्या अधिकार है...यदि हम दूसरे देशओ की बात करे तो अमेरिका एक एसा देश है जहां का पूरा लोक तंत्र जनता के कंधो पर होता है लेकिन हामारे देश में ये अधिकार तो दूर अब शहर के मैयर को भी चुनने का अधिकार माया सरकार खत्म कर ने जा रही है...
इस विधेयक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि लोगो को सिर्फ उनके क्षेत्र का साभसद या पार्षद ही चुनने का अधिकार दिया जाये ताकि वो सही पार्षद को चुनकर भेज सके...लेकिन जब जनता ही उसका विरोध करे तो फिर क्या कहना.... पहल पत्रिका ने इस विधेयक के चर्चाओँ में आते ही पूरे प्रदेश में एक मुहीम तैयार की ओर जनता से जानान चाहा कि वो क्या सोचती है इस विधेयक के बार में... तो जनता का एक ही फैसला है कि सरकार कोई भी मंत्री या नेता तो हमारे पास हमारी समस्याओं को सुनने आता नही तो फिर हम कैसे अपना अधिकार को खत्म करने की इज्जात दे इस माया सरकार को ... हमें तो अब अपना प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक चुनने का अधिकार मिलना चाहिये......लेकिन ये सरकार तो हम से हमारे ही हक को छीनना चाहती है.... वही जनता के साथ साथ विपक्ष ने भी इस विधेयक पर तीर चलने से पीछे नही हटी ....विपक्षियों की माने तो ये माया की तानाशाही है जो जनता के मताधिकार के साथ खेलना चाहती है...लेकिन पहल इस मुहीम की पर सरकार से कई सबला पूछाना चाहती है कि क्या वो आम जनता के अधिकारों के साथ खेल नही रही है.....या फिर सरकार अपने फायदे के लिये ये सब कुछ कर रही है... ये सारे जबाब जनता मांग रही है माया वती जी से ,....लेकिन माया ये भूल रही है कि जनता से उनके मताधिकार को छीनना कहीं उन्हें महांग पड़ जाये.... क्यों ये जनता है बहुत खुछ जानती है और अच्छे नेताओं को भी सिखा देती गद्दी की गर्मी का सुख....
बाइट --- ये सरकार हमारे मताधिकार को अपने सुख के लिये खरीदना चाहती है.... ताकि उसके लोग ही शासन करें...ओर हमारे सुखो के साथ खेल सके... कमलेश चतुर्वदी, मऊरानीपुर (झांसी) (आम आदमी)
मायवती अपना राज्य दुबारा लाने के लिये ये सारे षड़यंत्रो को रच रही है... ताकि वो प्रदेश की जनता पर दुबारा शासन कर सके... अभिनय सेठ, बांदा (आम आदमी)
बाइट---- माय का ये विधेयक लोगो के माताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है...ताकि लोगो को उनका सचा सेवक नहीं मिल पाये......
रविन्द्र शुक्ला , पूर्व शिक्षामंत्री उ.प्र.
माया जो भी कर रही हौ वो सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिये कर रही है शायद माय को ये डर है कि कही उनकी सरकार नचली जाये....
रामरति आर्य विधान सभा प्रत्याशी सपा , पूर्व ब्लाक प्रमुख मऊरानीपुर

उत्तर प्रदेश की राजनीति दिन प्रतिदिन तेज हो जा रही है... ये राजनीति का एक ऐसा कुंआ है जिसे देखकर अच्छे नेता भी सिर से लेकर पैर तक कांप जाते है....क्योंकि जो भी राजनीति तय होती है वो यूपी से ही तय होती है... अगर केंद्र की राजनीति की बात करें तो वो भी यूपी से ही तय होती है...वहीं नजारा इस वक्त यूपी का है... क्योंकि 2012 में विधान सभा चुनाव है....
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भी इस तरह कप कपा रही है कि उन्हे भी यूपी के दौरे की याद आ गई..वर्ष 2009 के बाद माया को सीधे 2011 में लोगो की याद आई और ये याद कोई एसी वैसी नहीं है ये तो 2012 में होने वाले विधान सभा चुनाव की है...वहीं किसी ने सच ही कहा है कि माया तेरी अजब कहानी....ये कहानी तब सामने आयी जब मायावती ने अलीगढ़ का दौरा किया और इस दौरे में माया के सामने कई लोग आये लेकिन माया को कोई फरक नहीं पड़ा... उस बीच एक करिश्मा देखने को मिला जो आपनो सोचा ही नहीं था.....माया तक अपनी बात पहुंचाने वाली महिलाओं को जब माया से नहीं मिलने दिया गया तो एक महिला माया के काफिले के सामने लेट गयी... लेकिन उसके दुख दर्द ने भी माया का दिल नहीं पिघला पाया और माया ने उससे बिना मिले ही वहां से चल उचित समझा.... लेकिन उसने फिर भी हार नहीं मानी और माया के काफिले के साथ उस जगह तक पहुंच गयी जहां पर माया का अगला कार्यक्रम था....लेकिन प्रशासन की पोल न खुल जाये इस लिये उसे माया से मिलने नहीं दिया गया.. ये सुनीता वो ही महिला है जिसने माया सरकार में सिचाई मंत्री जयवीर सिंह पर ये आरोप लागाया है कि उसके पिता को मंत्री के कहने पर ही मारा गया है ... सुनीता के पिता सिचाई विभाग में इंजीनियर थे ..... वहीं जब माया ने इटावा का दौरा किया तब भी माया को किसी की चिंता नहीं थी... और लोगो से मिलने की जगह माया को तो सिर्फ अपने कार्यक्रम की चिंता सताये जा रही थी....माया के दौरे ने तो जैसे पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था.... जिसके चलते स्कूल के बच्चो को रविवार के दिन भी स्कूल में हाजरी लगनी पढ़ी... और जब पत्रकारों ने उनसे पूछा की तुम से मिलने कौन आया था तो उन्हे नाम तो मालूम था.. लेकिन उनकी पोस्ट मालूम नहीं थी.....ये तो छोटे – छोटे बच्चे थे.... वहीं इनको पढ़ाने वाले शिक्षकों को तो उनके विभाग के मंत्री तक का नाम ही नही मालूम था.... तो क्या इसे आनन फनन की पढ़ाई कह जाये या फिर उसे माया का ढ़र के नाम से पुकारा जाये ये तो सोचना बहुत जरुरी है.....
सुश्री मायावती के दौरो का ये सिलसिला तो चलता रहा लेकिन आज औरैया में तो कुछ अलग ही कर दिया बहन जी ने ... जो किया वो तो बहुत ही शर्मनाक था... अरे मेडम रुकिये तो जरा आपकी जूती गंदी है....जरा उसे साफ तो कदेने दीजिये...
यूपी के औरैया में डीएसपी रैंक के एक अफसर से मायावती ने अपनी जूती तक साफ करा ली....ये वाक्या छह फरवरी का है.. जब सीएम साहिबा औरैया दौरे पर आई थीं.... सीएम साहिबा हेलिकॉप्टर से उतरने के बाद जहां अधिकारियों से बातचीत में शरुफ थीं.... वहीं डीएसपी रैंक के एक अफसर पद्म सिंह ने उनकी जूती साफ किए जा रहे थे.....आपको ये भी बता दें कि पद्म सिंह को राष्ट्रपति पुलिस मेडल भी मिल चुका है...ये अधिकारी 1994 से मुख्यमंत्री मायावती की सुरक्षा में तैनात है.....और इसे एक साल का सेवा विस्तार भी मिल चुका है......अब इसे चाटूकारिता की हद कहें या ड्यूटी......ये तो माया जी या फिर पद्म सिंह ही जान सकते है.....लेकिन इन सारे दौरों पर जो कुछ हुआ... उनमें से ये वाक्या बहुत गलत हुआ है... कि पुलिस विभाग के आलाधिकारी मुख्यमंत्री की जूती साफ करे....वहीं इस मामले में विपक्ष ने भी जमकर तीर छोड़ने में कोई कोतोहल नही बरता ... ये घटना केवल औरैया की नहीं बल्कि ऐसा मामला अलीगढ़ में भी देखने को मिला है जिसमें अलीगढ़ के एसडीएम मायावती के पैर छूत हुए दिखे है....वहीं औरैया और अलीगढ़ की इस घटना को वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने ने शर्मनाक बताया है....उन्होंने कहा कि मायावती तानाशाह कर रही है...उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अफसरों को चाटूकारिता करने के लिए मजबूर कर दिया है.....समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो ये तक कह दिया है कि माया ने जो कुछ अधिकारियोम से कराया वह अब उन लोगो को कर ना होगा जिन्हे बीएसपी विधान सभा चुनाव का टिकिट चाहिये है... वहीं कैबिनेट सचिव शशांक शेखर ने जिस तरह से इस पूरे मामले में सफाई दी वो तो देखने काबिल थी... उन्होने कहा कि ये काम पद्म सिंह जी ने माया की जान के खतरे को देखते हुए किया है....लेकिन विपक्ष तो इस माया की तानाशाही के नाम से पुकारने में जुटा है... आखिर कार माया के इन दौरा का जनाता पर कैसा असर पड़ा होगा ये तो माया और माया की प्रजा यानि यूपी की जनता जानती होगी....लेकिन ऐसा काम क्या माय को शोभा दिया होगा...

ये क्या हो रहा है प्रदेश में..... कभी कानून व्यवस्था की पूल खुलती है, तो कभी किसी पार्टी की लेकिन अब तो प्रदेश में हद ही हो गयी है......ये प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जिसकी हिस्सेदारी से ही देश की राजनीति तय होती है लेकिन इस प्रदेश में इस साल कई सही पोले खुलती नजर आयी है....ये साल जहां जनता ओर विपक्ष के लिये अच्छा है तो वहीं ये साल सरकार के लिये गले की फांस बना हुआ है.......साल की शुरुवतों में ही सरकार विवादों में घिरती नजर आयी है....वहीं कानून के व्यवस्था की पोल तो आप लोगो को हम दो माह से लगातार बताते आ रहे है......लेकिन इस बार जो हुआ वो तो लोगो के पैरो तले जमील खिसका देने जैसा मामला है...आपमें से कुछ लोगो की उम्मीद है कि वो देश की राजनीति में जाये और उसके बिगड़ते हालातों पर काबू पा सकें..... लेकिन अब 2012 में होने वाले विधान सभा के उम्मीदवार अब सावधान हो जाओ.......कहीं आप विधान सभा सत्र में हिस्सा ले रहे हो ओर आपके घर में ये खबर पहुंच जाये कि आप की मौत हो गयी है.... तो फिर क्या होगा आप के घर का हाल ये तो देखने काबिल होगा..... लेकिन ये कोई मजाक नहीं है ये तो हक्कीत है आप को बता दें की ये मामला उस उस प्रदेश का जहां हम कभी कानून की उड़ती धज्जियां देखते है तो कहीं हम अला अफसरों की चमचा गिरी देखते है आप लोगो को अब में सीधे तौर पर ये बतने जा रहा हूं कि ये हादसा कही ओर का नहीं उत्तम प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश का है.....प्रदेश में आजकल कुछ भी ठीक ठाक तरीके से नहीं चल रहा है..... ये नया मामला प्रदेश की सबसे जिम्मेदार संस्था सचिवालय से जुडा हुआ है। सचिवालय ने ऐसा किया, जिससे सुनने के बाद आपके कान खडे हो जायेंगे....ये प्रदेश में नौकरशाही की काबलियत पर ही प्रश्न खड़ा कर रहा है..... उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने कांग्रेस के विधायक को ही मृत घोषित कर दिया है....ये विधायक उसी क्षेत्र के है जो यूपी के लिये गले की फांस बना हुआ है....ये जिला है उत्तर प्रदेश का बांदा...... जो कभी शीलू बलात्कार तो कभी कई मामलों के रूप में सामने आता रहता है.... अब तो इस बांदा के विधायक को ही विधान सभा के सचिवालय ने मृत घोषित कर दिया है.....ये विधायक है विवेक सिंह.... जो कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के चेयरमैन भी है.....वहीं विधायक की मौत की खबर को उनके जब परिवार वालों ने सुना तो उनके होश ही उड़ गये है.... विवेक सिंह को मृत होने की खबर उनकी पत्नी मंजुला को सचिवालय ने पत्र भेजकर दी और उनसे राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग कर है वहीं इस खबर से सारे शहर में शोक की लहर दौड़ गयी......वहीं ये पत्र तब भेजा गया जब यूपी में विधान सभा सत्र चल रहा था.... ये पत्र 22 फरवरी को जारी किया गया था.............और इस पत्र में वर्तमान विधायक को पूर्व विधायक बताया गया है.....लेकिन जब विधायक की मौजूदगी विधान सभा में है तो फिर वो मृत कैसे हो सकता है.....ये तो कोई भगवान की लीला ही हो सकती है.....कांग्रेस विधायक विवेक सिंह की माने तो उनके साथ ये जान बूच कर किया गया है....... क्योंकि पिछले दिनों हुए शीलू बलात्कार मामले में विवेक सिंह ने काफी हद तक विरोध किया था..... और प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी नकल कसी थी......जिसके चलते उनके साथ ये किया गया है.... विधआन सभा के सचिव प्रदीप दुबे का कहना है कि सचिवालय की गलती से सिंह के मृत्यु सम्बंधी पत्र जारी हो गया था.... वहीं इस मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी करर्वाई की जायेगी.....और हमने माफी के साथ ये पत्र विधायक जी से वापस ले लिया है..... पहल अनोखा कदम इस गलती पर कई सबला खडा कर रहा है..... कि क्या अब प्रदेश की जिम्मेदार संस्थान ही मरवने की गल सूचना देगी ..... या आखिर कार ये गलती हुई तो कैसे.........ये सारे सवाल जनता जानना चाहती है......कि गलती के पीछे क्या रानीतिक कारण है या फिर कोई आपसी खुनश.... यो तो सरकार ही बता सकती है...... लेकिन यदि एसा होता रहा तो एक दिन विधान सभा जाने से भी विधायक डर ने लगेगे.......
बाईट.........
कांग्रेस विधायक विवेक सिंह ............ कि यह प्रकरण लापवाही भरा होने के साथ ही बेहद हास्यास्पद भी है। और यह कोई मामूली घटना व मानवीय चूक नही है बल्कि यह राज्य सरकार की सोची समझी साजिश हो सकती है...........

ये कैसा आम बजट है...जिसे लोगो ने सुना ही नहीं... ये बजट किसी ओर का नहीं आम जनता का है जिसे आम जनता को काफी उम्मीदे है.....लेकिन इस आम जनता के प्रतिनिधियों को इस से क्या लेना देना.... उन्हे तो अपनी नींद से मतलब है......चलिये आप को दिखाते हैं कि संसद के अंदर किन किन सांसदों ने मुन्ना भाई स्टाइल में नींद की झप्पी का मजा लिया..... ये है हामारे देश के कानून मंत्री जिन पर देश की कानून व्यवस्था का भार है देखिये ये किस तरह से आम बजट का आनंद उठा रहे है... वहीं विवादें का चोली दामन का साथ निभा रहे कांग्रेस के सांसद वीरभद्र सिंह भी पीछे नही हटे उन्होने सारे रिकोर्डो को ताक पर रख दिया.....चलिये आप को एक ओर मंत्री साहब से मिला ते है जिन पर तो संसद की कार्यवाही का भार है... जी मैं बात कर रहा हूं पवंन बंसल की... जो आम बजट से तो समझोता कर सकते है.. लेकिन अपनी नींद से नहीं ....... अब देखना ये है कि लोगो की बातों को संसद में रखने वालों उनके प्रतिनिधि कितना आम बजट को ध्यान से सुनते है और किस किस प्रश्न पर उठकर बवाल करते है....

21 फरवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र को लेकर राजनीतिक गलियारो में काफी हलचल है...ये इस बात का संकेत है कि आने वाला बजट सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है....एक ओर विपक्ष 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर अड़ा है तो दूसरी ओर सरकार विपक्ष को मनाने में पूरी तरह विफल रही है....ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि क्या संसद का बजट सत्र सुचारू रूप से चल पाएगा या फिर संसद के शीतकालीन सत्र की तरह जेपीसी के गतिरोध की भेंट चढ़ जाएगा..... जाहिर है घोटालों और महाघोटालों से घिरी सरकार के पास विपक्ष की मांग का कोई जवाब नहीं....मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जेपीसी पर किसी भी तरह की कोई चर्चा नही हुई है.... लेकिन इस बैठक में कोई भी ऐसा नतीजा नही निकल पाया जिससे रूठे विपक्ष को मनाया जा सके.... हालांकि सूत्रो की खबर है कि बजट सत्र से पहले सरकार टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले पर जेपीसी जांच का ऐलान कर देगी..... और जेपीसी जांच का नियंत्रन अपने पास ही रखेगी.... उधर विपक्ष ने भी सरकार से साफ कर दिया है कि जबतक जेपीसी का गठन नही हो जाता सरकार का विरोध जारी रहेगा.... जाहिर है फिलहाल सभी कार्ड विपक्ष के पास है....और सरकार के पास ऐसा कुछ नही जिसे दिखाकर वो पिपक्ष को मनाए.... बहरहाल अब तो ये आने वाला समय ही बताएगा की विपक्ष को खुश करने के लिए सरकार जेपीसी का गठन करती है या फिर शीत कालीन सत्र की तरह बजट सत्र को भी विपक्ष को भेंट चढ़ा देती है…..
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर विवादों में फंसते रहे हैं....ताजा मामले में उन्होंने इस बात से मना कर कि गाय हमारी माता है... नए विवाद में फंस गए हैं। ये कैसे राजनेता हैं... जो भूल गये है हमारी संस्कृति.... ये कोई और नहीं है ये साहब हैं बीजेपी के आला नेता...... जिन्होंने कहा है कि गाय हमारी माता नहीं है... ये हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी ... जो हमेशा अपने बयानों के कारण विवादों में फंसते रहे हैं.....लेकिन लगता है अध्यक्ष पद के भार तले दबे नितिन गड़करी आजकल अपनी संस्कृति ही भूलते जा रहे है...उन्होने तो वेदों को भी चुनोती दे दी है... जिसने गाय में 84 करोड़ देवी देवताओं का वास बताया है.....क्या आप भूल रहे हैं कि यदि ये बात आप की ही सहयोगी विश्व हिंदू परिषद या फिर आरएसएस को पता चल गई तो फिर क्या होगा....वहीं कांग्रेस के सांसद रजीव शुक्ला भी इस बयान पर बोलने से पीछे नहीं हटे ...... अब क्या करें जब वोट बैंक की खातिर हमारे ही राजनेता अपने वेदों की बातों को झूठा बताने लगें तो फिर औरों की क्या बात की जाये....
"मायाराज में बढ़ते बलात्कार ,साल की शुरुवात बलात्कारों से"
Posted by rachit kathil2011 की कहानी उनकी आपकी जुबानी......
1 जनवरी
बांदा में नरैनी के विधायक पुरुषोत्तम नारायण द्विवेदी और उनके समर्थकों पर नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार का आरोप
11 जनवरी
कानपुर में 12 वीं क्लास की छात्रा ने टीचर पर लगाया बलात्कार का आरोप....
18 जनवरी
कानपुर में ही होमगार्ड के एक जवान पर रेलगाड़ी में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप
26 जनवरी
लखनऊ से सटे चिनहट इलाके में 17 साल की एक दलित लड़की से बलात्कार के बाद हत्या करने का आरोप
26 जनवरी
फिरोजाबाद में भी पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा के साथ उसी के गांव के लड़को ने किया गैंग रेप.. जिसके बाद लड़की ने खुद को आग लगा ली....
27 जनवरी
जौनपुर के सेंट जेवियर स्कूल की महिला प्रिंसिपल ने खुदकुशी की और स्कूल मैनेजर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया...
28 जनवरी
इलाहाबाद में एक लड़की के साथ उसके ही गांव के लड़कों ने किया गैग रेप ... वहीं उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के भतीजे पर आरोपियों को शरण देने का आरोप....
29 जनवरी
आजमगढ़ में 9 साल की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार...आरोपी गिरफ्तार
यदि हम देश की राजधानी की बात करते है तो इस राजधानी को बलात्कारी राजधानी का खिताब देने से मैं पीछे नहीं हटता .. जहां से देश की सारी सम्मस्याओं का निवारण होता है वहीं ये गंदे काम हो तो फिर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के जिलों का क्या कहना ?
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक नाबिलग लड़की के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है..इस मामले के मुख्य अरोपी कोई ओर नहीं बल्की नरैनी से बीएसपी विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी है... जिन पर ये आरोप है कि उन्होने अपने चार साथियों के साथ मिलकर इस लड़की का बलात्कार किया था...जिसको लेकर मख्यमंत्री मायावती ने तत्काल ही सीबीसीआईडी की जांच के आदेश दे दिये.... वहीं विपक्ष के हमले से बचने के लिये तुरंत ही विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी को पार्टी के जिला प्रभारी के पद से निष्काशित भी कर दिया गया .... सीबीसीआईडी ने इस मामले की छीन बीन करते हुए कई तथ्य एसे जुटाये जिनको लेकर लोगो को हेरानी होनी लगी....
सीबीसीआईडी ने सबसे पहले शीलू के भाई से करीब 3घंटो तक पूछताछ की... वहीं सीबीसीआईडी ने शीलू के भाई संजू से पूछा की शीलू रज्जू के पास कैसे पहुंची और वह विधायक के घर से क्या क्या चोरी करके लेगयी है...शीलू के पिता बताया कि शीलू का रज्जू ने अपहरण करके उसे दूर किसी गांव में बंधक बना लिया था... लेकिन उसकी सूचना शीलू के पिता ने विधायक के अलावा किसी को नहीं दी थी .....ये बात सुनकर सीबीसीआईडी के कान खड़े हो गये कि उसने उसकी सूचना पुलिस की जगह विधायक को क्यों दी...वही विधायक पुरुषोत्तम ने भी इसकी सूचना पुलिस को देना उचित नहीं समझा....आखिर कार जहन में ये सवाल सामने आ रहा है कि यदि शीलू के पिता को कानून की जानकारी नहीं थी तो विधायक जी को तो पुलिस को सूचना देनी चाहिए.... लेकिन विधायक ने सूचना दिये बिना ही लड़की को छुड़ाने के लिये अपने आदमियों को भेजकर उसे छुड़ा लिया.....और फिर शीलू को उसके घर भेजने की वजह उसे अपने ही घर में क्यों रोक लिया ?.....सीबीसीआईडी को ये सारी बाते तब पता चली जब जांच टीम ने विधायक के घर का मुआयना किया ..तो पता चला कि विधायक ने लड़िको अपने कमरे के पास वाली गैलरी में सोनी की जगह दी थी...क्या इतने बड़े घर में केवल वही जगह थी जहां उसे रखा गया...जांच टीम को एक ओर नया पहलू देखने को मिला हा कि विधायक के कमरे का पिछला गेट उसी गैलरी में खुलता है...जहां शीलू को रखा गया था.....
जिसे देख कर सीबीसीआईडी की टीमं हैरान रह गयी... वहीं विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी ने इन सारे आरोपो को छुपाने के लिये 4 जनवरी को पत्रकारों से ये तक कह दिया कि वह किसी भी तरह की जांच कराने को तैयार है....वहीं सारी छानबीन के बाद सीबीसीआईडी की टीम ने विधायक द्विवेदी को दोषी करार दिया.....जिसके चलते विपक्ष ने हल्ला बोलना शुरु कर दिया....वहीं विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी ने अपने आप को बचाने के लिये लड़की को ही जेल भेज दिया...विधायक ने लड़की पर आरोप लगया है कि लड़की ने उसके घर से 5 हजार रुपये की चोरी की थी... जिसके चलते पुलिस ने बिना छानबीन के उस लड़की को जेल भेज दिया.. वहीं इस पूरे मामले में हाईकोर्ट में दाखिल याचिका ने सरकार को कई बर फटकार भी लगायी... और सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी सरकार से पूछा है कि उन्होने किस आधार पर लड़की को 33 दिनो तक हिरासत में रखा था...इस मामले में विपक्ष भी सरकर को घेरने से नहीं चूका.. विपक्ष ने सरकर पर हमला बोलते हुए कहा है कि लड़की को गलत आरोपों में फसाया गय़ा है....जिसके चलते मायावती ने लड़की को अपने जन्मदिन के दिन छोड़ने के आदेश दे दिये..... शीलू ने छूटते ही मायावती को ही घेरना शुरु कर दिया...शीलू का कहना है कि उसे माया ने नहीं बल्की कोर्ट ने छोड़ा है.. वहीं न्याय न मिलने पर फूलन का रुप धारण कर ने की भी धमकी दी है....यूपी सरकार की मुख्यमंत्री मायावती की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है विपक्ष भी लगातार सरकर को घेरने की कोशिश में लगा है.. वहीं इस पूरे मामले में एक बात सामने ये आ रही है कि बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने जो आदेश दिया था कि विधायक पर आरोप साबित होने के बाद उसे पार्टी से निष्काशित कर दिया जायोगा लेकिन वो बात क्या सिर्फ दिखाने की थी या उस पर कोई अमल भी होगा....
उत्सव ने क्यों किया तलवार पर वार...... उत्सव में दिखा बिग ब्रदर का नया रुप..... लड़कियों को मिला दूसरा सनी देओल.... उत्तर प्रदेश की मर्डर मिस्ट्री के नाम से लोगो के दिलोदिमाग पर छाने वाली आरुषि तलवार के मामले ने एक और नयी बिग ब्रदर की स्टोरी खड़ी कर दी है....ये बिग ब्रदर न जाने कहां से लोगों की मदद के लिये आ जाता है इसका किसी को कोई पता नहीं.... आपको बता दें कि हिंदी फीचर फिल्म द बिग ब्रदर में लड़कियों की जिस तरह सनी देओल ने देवधर गांधी के रुप में उनके मामले में इंसाफ दिलाने में एक अहम भूमिका दिखाई थी...वहीं वाराणसी के लंका के रहने वाले उत्सव शर्मा ने भी इस पूरे मामले में द बिग बर्दर की नयी स्टोरी बना कर खड़ी कर दी है... उत्सव शर्मा ने इससे पहले भी रुचिका मामले के आरोपी एसएसपी राठौर के पेट में चाकू मारकर घायल किया था.... वहीं अब तलवार को अपना दूसरा निशाना बनाया है..... उत्सव ने राजेश तलवार के चेहरे पर वार किया और आंख के पास लगी चोट की वजह से तलवार का पूरा चेहरा खून से लथपथ हो गया ..राजेश तलवार को आनन फानन में सर्वोदय अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से भी उन्हें अपोलो अस्पताल भेज दिया गया... इन दो घटनाओं ने लोगों के दिल में कई सवाल खड़े कर दिये है... पहला सवाल तो ये सामने आया है आखिरकार उत्सव इन लोगों पर हमला क्यों कर रहा है... वहीं दूसरा सवाल ये भी है कि अब उत्सव का अगला निशाना कौन होगा...
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नयी टीम बनकर खड़ी हो गयी है... इस टीम में दिन ब दिन बढ़ती महंगाई और बढ़ते घोटालों की जगह चुनावी एजेंडे का असर साफ देखने को मिला है... इस टीम का चयन बिलकुल वर्ल्डकप की टीम की तर्ज पर हुआ है...जिस तरह वर्ल्डकप की टीम में धोनी के प्यार ने रोहित शर्मा की जगह पीयूष चावला को जगह मिली.... उसी तर्ज पर राहुल की झप्पी ने 2012 के मिशन यूपी के सपने को पूरा करने के लिये यूपी से अब तक 6 लोगों को मनमोहन की टीम में जगह दिला दी है... मनमोहन के एजेंडे में यूपी का नाम सबसे ऊपर देखने को मिला...मनमोहन सिंह की टीम में यूपी से अब तक 6 मंत्री शामिल हैं...जिनमें से दो नए मंत्रियों को मनमोहन ने कल ही अपनी टीम में शामिल किया है....और वहीं दो लोगों को प्रमोशन भी दिया गया है...जहां नए शामिल चहरों में बेनी प्रसाद वर्मा और आर पी एन सिंह का नाम शामिल है वहीं सलमान खुर्शीद और श्रीप्रकाश जयसवाल को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.......आपको बता दें अब तक मनमोहन की टीम में सबसे ज्यादा मंत्री यूपी से ही है...... सलमान खुर्शीद को इल्पसंख्यक मामलों का कैबिनेट मंत्री बनाने के साथ जल संसाधन का भार भी संभालना होगा........श्रीप्रकाश जयसवाल को भी मनमोहन की नयी टीम में प्रमोशन तो मिला... लेकिन उनके मंत्रालय में कोई बदलाव नहीं किया गया......वहीं जिन नये चहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया है उनमें बेनी प्रसाद वर्मा का नाम सबसे ऊपर है.... वर्मा को स्वतंत्र प्रभार के साथ इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया है.....तो वहीं राहुल के चहते आर पी एन सिंह को पेट्रोलियम राज्य मंत्री ....यूपी से मनमोहन टीम में शामिल जितिन प्रसाद को अब सड़क परिवहन राज्य मंत्री का पद दिया गया है...वहीं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के पद में कोई तब्दीली नहीं की गई है......अब देखना ये है कि मनमोहन की इस टीम का असर राहुल के मिशन यूपी को पूरा करने में कितना कारगर साबित होता है....
महंगाई की मार झेल रही सरकार अब लोगो को राहत देने के लिये कयास में जुटी है... और इस की पहल करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैबिनेट विस्तार करना चाह रहे हैं......इस प्रयास में कई ऐसे चेहरे सामने आ सकते हैं...जिनके लिये ये मौका कुछ खास होगा... वहीं कुछ लोगो को कैबिनेट विस्तार से जोर का झटका भी लग सकता है....मनमोहन की ये नयी टीम का विस्तार बिलकुल उसी तरह होगी... जिस तरह वर्ल्डकप के लिये धोनी की नयी टीम... जहां वर्ल्डकप के विस्तार में धोनी का प्यार चला तो वहीं इस कैबिनट विस्तार में राहुल की झप्पी चल सकती है....मनमोहन की कैबिनेट का विस्तार 19 या 20 जनवरी को होने की कयास लगायी जा रही है... तो वहीं इस नयी टीम में खाली पड़ी सीटों पर भी जोर तोड़ लगी हुई है... खाली पड़ी सीटों में विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर, टेलीकॉम मंत्री ए राजा और महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चौहान की सीटें भी खाली पड़ी है... इस नयी टीम में जिनका कद बढ़ सकता है उनमें कांग्रेस युवराज के चहते ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद का नाम सामने आ रहा है.. और उत्तर प्रदेश से आर पी एन सिंह का नाम दौड़ में शामिल है....कयास है कि ज्योतिरादत्त सिंधिया विदेश राज्यमंत्री की दौड़ में हैं... तो वहीं मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को भी दो मंत्रालयों के भार से मुक्ति मिल सकती है....जहां वीरप्पा मोइली को कानून मंत्री की जगह मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया जा सकता है... तो वहीं अल्पसंख्यक मंत्री सलाम खुर्शीद को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद जताई जा रही है........सूत्रों के अनुसार खर्शीद को कानून मंत्रालय का भार दिया जा सकता है.... वहीं कुछ नये चहरों को भी शामिल किये जाने की अटकलें तेज हैं......इन नये चहरों में राजीव शुक्ला ,मनीष तिवारी और डीएमके कोटे से टी आर बालू , जनार्दन द्विवेदी का नाम सामने आ रहा है....तो वहीं कुछ मंत्रियों को पार्टी का पद भी सौंपा जा सकता है....... जिनमें स्वास्थय मंत्री गुलाम नबीआजाद, विलासराव देशमुख, सीपी जोशी का नाम सामने आ रहा है...वैसे कई और वरिष्ठ मंत्रियों को पार्टी के आदेश पर अपना पद छोड़ कर पार्टी महासचिव की कुर्सी सौंपी जा सकती है........ अब देखना ये है कि इस नयी टीम में मनमोहन सिंह किसे खुश कर पाते हैं और किसे नहीं...
यूपी में बांदा के नरैनी से बीएसपी विधायक पुरूषोत्तम द्विवेदी पर गैंग रेप के आरोप की पुष्टि हो गई है.....सीबी सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसमें विधायक पर लगे आरोपों को सही बताया गया है......रिपोर्ट के अनुसार द्विवेदी पर लगे रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं जबकि पीडित लड़की पर लगाए गए चोरी के इल्जाम बिल्कुल झूठे हैं....विधायक ने किया नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार.......खुद को बचाने के लिये लगाया था लड़की पर चोरी का झूठा आरोप.....जी हां यूपी में बांदा जिले के नरैनी से विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी पर नाबालिग लड़की के साथ गैंग रेप का आरोप सही साबित हुआ है... सीबीसीआईडी की रिपोर्ट ने पुष्टि कर दी है... विधायक द्विवेदी ने ही लड़की के साथ रेप किया था.... विधायक जी नपुंसक तक बन गए.....और ये कहकर.... सुर्खियां भी बटोर लीं...कि कोई भी जांच कराने को तैयार हूं...लेकिन यूपी की ही सीबीसीआईडी ने कर दी उनकी फजीहत....आपको बता दें कि आरोपों पर विपक्ष के दवाब के बाद मायावती ने विधायक द्विवेदी को पार्टी से निलंबित कर सीबीसीआईडी जांच के आदेश दे दिए थे.....पार्टी से निलंबित करने के साथ ये भी कहा गया था कि अगर विधायक पर दोष सही पाया गया तो उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया जाएगा......अब रिपोर्ट भी आ चुकी है...और विधायक पर आरोपों की पुष्टि भी हो गई है....अब देखना है कि पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता कब दिखाती है.......
यूपी के बांदा में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार मामले में आरोपी विधायक के बयान से नया मोड़ आ गया है.......विधायक ने कहा कि वो किसी से शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम ही नहीं हैं...ऐसे में उन पर ये आरोप गलत है.....
मैं नपुंसक हूं – पुरुषोत्तम द्विवेदी
संबंध बनाने में सक्षम नहीं
बांदा से बीएसपी विधायक हैं द्विवेदी
नाबालिग से है बलात्कार का आरोप