



हम भ्रष्टटन के भ्रष्ट हमारे ये कहना कहीं गलत नहीं है...क्योंकि आज कल भ्रष्ट ही हमारे हो चुके है.... एक तरफ जहां देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिये देश में लड़ाई जारी है वहीं दूसरी ओर देश के राजनेता अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए है...तभी तो ये कहा जा रहा है कि हम भ्रष्टटन के भ्रष्ट हमारे आज कल राजनेताओं की राजनीति तो इस कदर सिर चढ़ कर बोल रही है कि वो इस कानून की लड़ाई लड़ने वाले राजनेताओं की पीछे ही हाथ थोकर पड़े हुए है... लेकिन उनके हाथ इतने लम्बे नहीं है कि जनता के हित में जारी होने वाले इस बिल को रोक पाये .... समाजसेवी अन्ना हजारे की ये मुहीन आज लोगो के दिलों की धड़क्कन बन चुकी है.. जनता आज इस बिल को लेकर काफी उत्तेजित है लेकिन राजनेता चाहे कुछ भी नये पेतरे अपना लें लेकिन इस बिल को तो सरकार को पास करना ही होगा....
इस बिल को लेकर छिड़ी मुहीम ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार की पोल खोल कर रख दी है.... इस बिल के लिये जैसे ही जंतर मंतर पर लोगो ने अन्ना का समर्थन करना शुरु ही किया की सरकार को भी मिस्त्र का डर सातेने लगा... कि कहीं कांग्रेस को लेकर भी जनता सड़क पर न आजाये... जिसके चलते कांग्रेस ने क तीर से दो शिकार करने शुरु कर दिये ..... कांग्रस जहां स बिल को लेकर चिंतन कर रही थी वहीं कांग्रेस के महसचिव और हमेशा किसी न किसी बात को लोकर चर्चा में रहने वाले दिग्गीविजय सिंह ने जनता के सामने उन लोगो को खड़ा कर दिया जो इस मुहीम के हिस्सेदार है...दिग्गी राजा ने सबसे पहले इस मुहीम के सबसे बड़े हिस्सेदार और भ्रष्टाचार को लेकर लोगो के सामने सरकार की पोल खोलने वाले बाबा रामदेव को कट घरो में लाकर खड़ा कर दिया और कह दिया की ये लोग जो भ्रष्टाचार को लकेर इतनी सारी बातों कर रहे हैवो पहले अपनी ही सम्मपती का ब्यौरा दें...दिग्गविजय सिंह ने अकले रामदेव को ही नहीं अन्ना हजारे, अरविन्द केजीवाला , शांति भूषण और उनके बेटे तक को सामने खड़ा कर दिया ....यही नहीं इस लोकपाल बिल की पहली बैठक में भी सियासी राजनीति जमकर सामने आयी....बिल पर हुई पहली बैठक को लेकर जो चर्चा हुई वो तो बहुत अच्छी थी लोकिन जो बाहर निकल कहा वो भी अच्छा था... ये इसारा में जिस की तरफ कर रहा हूं वो आप लोग अच्छी तरह से समझ रहे होगे...... मैं यहां बात कर रहूं मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की जो अन्ना के लिये दूसरे दोषी के रुप में सामने आये है.... अन्ना का मानना है कि लोगो को बैठक से बाहर निकल कर कुछ कहा और घर पर जाकर कुछ खास मीडिया के लोगो से कुछ और बाते कही जिससे जनता के मन में इस बिल को लेकर कुछ न कुछ गलत संदेश जरूर पहुंचा है... वहीं इस बिल को लेकर अन्ना की लड़ाई अब जोरो पर है...इस बिल को लेकर हर पार्टी अब राजनीति के चमकाने का काम कर रही है... चाहे वह बीजेपी हो या फिर अन्य कोई पार्टी क्यों न हो.....सभी की नजरे अन्ना के इस बिल पर आकर टिक गयी है... क्योंकि हला ही में कुछ राज्यों में विधान सभा चुनाव होने है... जिसके चलते लोगो को लुभाने के लिये शीतकालीन सत्र में जरूर ये मुद्दा संसद की गूंज बनेगा.... वहीं पहल इस मुहीम के द्वारा जनता के कई सवाल सरकार से पूछने जा रही है कि वो इस बिल पर आखिर कार इतनी राजनीति क्यों हो रही है....ओर कहां तक ये बाते सच्च है कि सरकार पर जो आरोप लगे है वो सारे सही है...ये सारी बाते जनता जानना चाहती है.... वहीं जनता के साथ साथ अन्ना ने भी यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिठ्ठी लिख कर ये साफ कर दिया है कि ये जो हो रहा है वे कहां तक सही है क्या दिग्गविजय ओर कपिल सिब्बल के बयानों के पीछे कहीं कांग्रेस का हाथ तो नहीं ये सारी बातो के जबाब अन्ना ने सोनिया ये पत्र में लिख कर मांगे है वहीं इस पत्र ने ये भी साफ कर दिया है कि ये पत्र नहीं ये एक चेतावनी है....जो कांग्रेस के लिये एक सबक है............
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- rachit kathil
- मै एक छोटे परिवार से हूं और एक सफल पत्रकार बनकर लोगों के कष्टों को सबके सामने लाना है....
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