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Friday, December 3, 2010

न्यायाधीश ने मांगा दहेज

Posted by rachit kathil

दहेज लोभियों को सजा देने वाले ही अगर दहेज की मांग कर बैठें... तो बाकियों का क्या होगा... मध्य प्रदेश के देवास में ऐसा ही एक मामला सामने आया है... जहां एक न्यायाधीश ने अपनी शादी के मंडप में दहेज की मांग कर डाली... और मांग पूरी ना होते देख... बिना शादी किए लौट गया। अदालतें हमेशा से ही दहेज के जिन को समाज के लिए अभिशाप बताती आई हैं... और इसमें कोई शक भी नहीं है... लेकिन तब क्या किया जाए... जब खुद कोई न्यायाधीश दहेज की मांग कर डाले... ऐसा ही कुछ हुआ है मध्य प्रदेश के देवास में... जहां शहडोल के न्यायाधीश इंद्रेश ने अपनी ही शादी के बीच में लड़की वालों से दहेज की मांग कर डाली... लेकिन लड़की के माता- पिता ने इसमें असमर्थता दिखाई... जिसके बाद इंद्रेश ने पहले तो लड़की के घरवालों से लड़ाई झगड़ा किया... फिर लड़की का गला दबाकर... उसे चांटे मारे... और बीच शादी से उठ गया... लेकिन जाते जाते इंद्रेश लड़की के माता- पिता को ये धमकी दे गया कि... उनकी बेटी जिंदा वापस नहीं आ सकती... और शादी नहीं करोगे तो उसे उठा ले जाएगा... बहरहाल लड़की के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है... और छानबीन शुरू कर दी है... लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या... इस मामले में आरोपी न्यायाधीश को सजा होगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस का हाल तो पहले से ही कई बार चर्चा का विषय बन चुका है....लेकिन जो अब हम आपको बताने जा रहे हैं..वो यूपी पुलिस का खतरनाक चेहरा है... शहीद स्मारक एक बार फिर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष का गवाह बना है...यूपी की राजधानी लखनऊ में ग्राम रोजगार सेवकों ने अपनी मांगो को लेकर शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन किया... लेकिन प्रशासन को ये धरना प्रर्दशन पंसद नही आया ओर लोगो पर लाठी डंडों के साथ साथ निहतो पर गोलियां भी चलाई... लखनऊ पुलिस के अफसर ने किस तरीके से भीड़ पर कमर से उपर गोलियां चलाई...वहीं इस अफसर को ये कोई भी डर नहीं कि किसी की जान भी चली जाये गी....लेकिन जनता की रक्षा करने वाले इस अफसर ने सरकारी रिवाल्वर से ही जनता के उपर ताबातोड़ गोलियां चलाई... जिसे देख कर ये लगता है कि आज भी हम गुलाम है.. जिस तरह से अंग्रेजों के समय लोगो को लाठी डंडों ओर गोलियों की भाषा से समझाया जाता था वही आज यूपी पुलिस के ये सीओ साहब कर रहे है.......इस घटना पर जब आला आधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने अपनी गलती को छूपाने के लिये जनता को ही दोषी बना दिया.....आलाधिकारियों के इस तरह के बयान ने साफ कर दिया है कि यूपी पुलिस ने जो किया वह ठीक है.... लेकिन सरकार ने इस घटना को देखते हुए जांच के आदेश दे दिये है... अब देखना ये है कि क्या इस तरह की घटनाओं पर रोक लगा पायेगी....ओर दोषी अधिकारी को क्या सजा मिल पायेगी....


Friday, November 26, 2010

ये कैसी ताज पोशी…

Posted by rachit kathil

बिहार में नयी सरकार का स्वागत कुछ खास तरीके से किया गया है....सरकार के स्वागत में लोगों डोल नगाडों की थाप पर भी जमकर डांस किया....वहीं सरकार के इस जश्न में कुछ खास भी देखने को मिला है.... चलिये पहले उन गानों ओर उस डॉस को दिखाते है ......जिसे देख कर आप हेरान रह जायेगे......इस डांस को जेरा ध्यान से देखिये ये कोई शादी समारोह नही बल्कि बिहार के नये मुख्यमंत्री के स्वागत में किया जा रहा है.....जहां एनडीए हिन्दुत्व की बात करता है वही इस मंच पर एनडीए के आला नेता भी मौजूद है...नीतीश के विकास का सपना क्या इन्हीं जिन के सामने ये नाजाब डांस को परोसा जारहा है.... अब इस अश्लीलता को नितीश कुमार क्या नाम देगे... क्या इसे सरकार का तौफा कहें या फिर एनडीए का शौक....

शहीदों का चिताओँ पर लगेगें हर वर्ष मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा....26/11 2008... देश में हुए अबतक के सबसे बड़े आतंकी हमले का शिकार हुई आर्थिक राजधानी मुंबई...आज उसी दिल दहलाने वाले दिन को याद करते हुए हर मुंबईकर और भारतवासी की आंखे एक बार फिर नम हो गई हैं......मुंबई हमले के शहीदों के बलिदान को सलाम करने के लिए मुंबई आज फिर एकजुट हुई हम सब एक हैंका नारा देने वाली मुम्बई इस खौफ भरे दर्दनाक हमले की दूसरी बरसी माना रही है...26 नवंबर की इस तारीख ने आज एक बार फिर दहशत के उन पलों को लोगों की आंखों के सामने ला दिया है...10 आतंकियों की पलटन का ये एक ऐसा हमला था जिसे कोई भी हिंदुस्तानी भुलाए नहीं भूलेगा....इस हमले में देश के कई जबाज सिपाहियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी....तो कई चश्मदीद आज भी इस हमले का दर्द झेल रहे हैं...देश की आन,बान और शान के लिए..शहादत देने वालों में थे... एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, एनएसजी के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनएसजी कमांडो गजेंद्र सिंह, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालसकर, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक काम्टे, सहायक उपनिरीक्षक तुकाराम ओंबले और मुंबई पुलिस के कई बहादुर सिपाही जो इस हमले में शहीद हो गये थे...164 से ज्यादा..लोग मारे गए और 300 से ज्यादा जख्मी हुए...उन सभी लोगों को नमन करते और शहादत के उनपलों की याद में आँखे नम करते हुए..देश के हर कोने से 26/11 हमले के शहीदों को श्रद्धांजली दी गई..मुंबई में गृहमंत्री पी. चिदंबरम, पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, और आर. आर. पाटिल ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

Wednesday, November 17, 2010

राहुल गांधी का नया अंदाज

Posted by rachit kathil

राहुल गांधी को अपने चुनावी दौरे और रैलियों में बोलते सुना होगा... लेकिन आपने उन्हें निशाना लगाते शायद ही देखा हो...और निशाना भी ऐसा जो एकदम सटीक हो...राहुल का निशानादेख..पेशेवर निशानेबाज भी वाह वाह करते नजर आए...जी हां...ये राहुल कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के युवराज...और सोनिया जी के राहुल बाबा हैं....जिन्होने ये कारनामा किया है अमेठी में...असल में राहुल अमेठी पंहुचे थे....बलदेव सिंह सुलतानी डिग्री कॉलेज में एक निशानेवाजी प्रतियोगिता में बतौर गेस्ट शामिल हुए थे...लेकिन यहां तमाम निशानेबाजों का निशानाचूकते देख राहुल से रहा नहीं गया और...वो खुद ही..बंदूक उठाकर मैदान में उतर आए..और उसके बाद तो....राहुल बाबा की गन ऐसे गरजी...जैसे वो कोई पेशेवर निशानेबाज हो...उन्हें देखकर भी कुछ ऐसा लग रहा था...राहुल ने ऐसा निशाना लगाया जिसे देखकर वहीं मौजूद निशानेबाजों के होश उड़ गये...हाथों में गन थामते ही राहुल ने पहले ही झटके में एकदम सटीक निशाना लगाया... राहुल गांधी के इस नए रुप को देख जहां छात्र हैरान थे वहीं राहुल ने खिलाड़ियों की हौंसला अफजाई कर उनकी जमकर ताऱीफ की...और अपने इस निशाने से कईयों पर निशाना लगाकर चलते बने....अब देखना ये होगा कि राहुल का ये निशाना कितना सटीक था और किसे घायल कर गया..

टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में फसे संचार मंत्री ए राजा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है...साल 2008 में हुए 1 लाख 76 हजार का दूरसंचार विभाग घोटाला हुआ था...जिसके चलते विपक्ष ने राजा को हटाने के लिए केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए ......टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आये दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है.....साल 2008 में हुए 1 लाख 76 हजार के घोटाले के मामले में दूरसंचार मंत्री ए राजा की मुश्किलें भले ही बढ़ती जा रही हो.....भले ही राजा को लेकर सरकार पर विपक्ष के हमले तेज हो गए हों...भले ही सरकार जबर्दस्त दबाव में हो....लेकिन राजा के तेवर देख कर तो यही कहा जा सकता है...राजा की विदाई सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाली हो सकती है....फिर भले ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा कथित घोटाले के लिए राजा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है..लेकिन राजा पर हाथ डालना फिलहाल केंद्र सरकार को भारी पड़ता दिखाई दे रहा है.. वहीं इस पूरे मामले पर संचार मंत्री ए. राजा ने भी साफ कर दिया है कि वे 2G स्पेक्ट्रम मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर इस्तीफा कतई नहीं देंगे....राजा साफ कर चुके हैं कि स्पैक्ट्रम के आवंटन में कोई अनियमितता नहीं हुई और जो कुछ हुआ है नियमों के तहत हुआ है...जिसे लेकर संचार मंत्रालय ने कल सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है..जिसपर राजा का कहना है कि मामला फिलहाल कोर्ट में है....और जांच जारी है...ऐसे में जब तक कुछ सामने ना आए जाए..वे इस्तीफा देने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे....वहीं इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए राजा ने तमिलनाडू की अम्मा यानि जयललिता को भी नसीहत दे दी है कि वे खुद तमाम केसों में फंसी हुई है...लिहाजा उनके लिए बेहतर होगा कि वे पहले खुद के गिरबां में देखें..बाद में मेरे बारे में सोचें...हालाकि इस पूरे मामले पर फिलहाल प्रधानमंत्री की वापसी के बाद ही फैसले की कोई उम्मीद की जा रही है...लेकिन राजा के तेवर और उन्हें मिलती..डीएमके की आलाकमान का समर्थन देखकर...फिलहाल तो ऐसे कयास लगाना भी मुश्किल होगा कि राजा रहेंगे या जाएंगे...या फिर कांग्रेस ही...अपनी सरकार को दांव पर लगाकर भ्रष्टाचारियों को नकेल कसने का कोई कारनामा कर दिखाती है....

Monday, November 1, 2010

एक शिक्षा ऐसी भी....

Posted by rachit kathil

आईआईटी रुड़की में एक ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया …जिसे देख कर हर कोई कुछ देर के लिए ही सही... सोचने पर मजबूर हो गया... कि क्या ये शिक्षा का घर है... अभिभावक इसे देख लें तो उन्हे पछतावा होने लगे... कि क्या इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा था... आईआईटी रुड़की में छात्र - छात्राओं के बीच लिपिस्टिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया....इस प्रतियोगिता में लड़को को लड़कियों के होठों पर लिपिस्टिक लगानी थी... लेकिन लड़कों को लिपिस्टिक को अपने मुंह में रखकर लड़कियों के होठों पर लगानी थी... इस प्रतियोगिता कि खास बात ये थी कि इसका आयोजन संस्थान के शिक्षकों के सामने किया गया... और शिक्षकों ने इसे रोकने की जगह तालियां बजाकर छात्रों का उत्साह बढ़ाया... आईआईटी रुड़की देश के जाने माने कॉलेजों में शुमार है... छात्र यहां इंजीनियर बनने आते हैं... लेकिन ये कैसी इंजीनियरिंग है... ये सोचने वाली बात है।

बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चुनावी मर्यादा तार तार हुई.... बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने एक बार फिर अपने शब्दों के कंटीले बांण छोड़े... और निशाने पर थे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार... दरअसल पटना की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राबड़ी ने नीतीश को काफी कुछ कह डाला..राबड़ी के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है... बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा... ये तो जनता बतायेगी कि कौन क्या है....चुनावों के दौरान अक्सर नेता अपनी हदें भूल जाते हैं... और उनकी जंग मैदानी कम जुबानी ज्यादा हो जाती है... लेकिन उन्हे ये नहीं भूलना चाहिए... कि हकीकत के धरातल पर... ये जनता तय करती है... कि कौन क्या है।

महाराष्ट्र में एक नहीं दो- दो महाघोटाले हुए हैं... आदर्श सोसायटी घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण फंसे हैं तो दूसरे मामले में जिसे महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नारायण राणे का नाम सामने आ रहा है......मुख्यमंत्री ने तो कारगिल के शहीदों की विधवाओं के लिए बने फ्लैट अपने रिश्तेदारों को दिलाने में भूमिका निभाई पर नारायण राणे ने तो नारायण यानी भगवान की जमीन पर ही नजर डाल दी...जी हां....भगवान महाबलेश्वर के मंदिर की भूमि को नारायण राणे की पत्नी के नाम कराने का मामला सामने आया है...इस मामले में बम्हबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है...जिसकी सुनवाई दीवाली के बाद होगी.......इन दोनों मामलें में निश्चित तौर पर कांग्रेस की छवि को दागदार किया है....ये अलग बात है फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर कार्हरवाई होती दिख रही है.....कांग्रेस ने आदर्श सोसायटी मामले में ए के एंटनी और प्रणव मुखर्जी की एक समिति बनाकर मामले की जांच करने को कहा है...वैसे खुद अशोक चव्हाण ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया है..अशोक चव्हाण का जाना तय है...ये अलग बात है कि इस मामले में फैसला होने में एक-दो दिनों का वक्त लग जाए.......जानकारी के अनुसार अशोक चव्हाण का जाना तय है....और इस तरह एक तीर से दो निशाने लग सकते हैं....जब मुख्यमंत्री ही न होंगे...तो मंत्रिमंडल कैसा.....और नए कैबिनेट में नारायण राणे को रखना...न रखना ये आलाकमान के फैसले पर निर्भर करेगा.......और आलाकमान किसी विवाद में फंसे शख्स को भला कैबिनेट में रखने को मंजूरी तो देने से रहा......

महाराष्ट्र में एक नहीं दो- दो महाघोटाले हुए हैं... आदर्श सोसायटी घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण फंसे हैं तो दूसरे मामले में जिसे महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नारायण राणे का नाम सामने आ रहा है......मुख्यमंत्री ने तो कारगिल के शहीदों की विधवाओं के लिए बने फ्लैट अपने रिश्तेदारों को दिलाने में भूमिका निभाई पर नारायण राणे ने तो नारायण यानी भगवान की जमीन पर ही नजर डाल दी...जी हां....भगवान महाबलेश्वर के मंदिर की भूमि को नारायण राणे की पत्नी के नाम कराने का मामला सामने आया है...इस मामले में बम्हबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है...जिसकी सुनवाई दीवाली के बाद होगी.......इन दोनों मामलें में निश्चित तौर पर कांग्रेस की छवि को दागदार किया है....ये अलग बात है फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर कार्हरवाई होती दिख रही है.....कांग्रेस ने आदर्श सोसायटी मामले में ए के एंटनी और प्रणव मुखर्जी की एक समिति बनाकर मामले की जांच करने को कहा है...वैसे खुद अशोक चव्हाण ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया है..अशोक चव्हाण का जाना तय है...ये अलग बात है कि इस मामले में फैसला होने में एक-दो दिनों का वक्त लग जाए.......जानकारी के अनुसार अशोक चव्हाण का जाना तय है....और इस तरह एक तीर से दो निशाने लग सकते हैं....जब मुख्यमंत्री ही न होंगे...तो मंत्रिमंडल कैसा.....और नए कैबिनेट में नारायण राणे को रखना...न रखना ये आलाकमान के फैसले पर निर्भर करेगा.......और आलाकमान किसी विवाद में फंसे शख्स को भला कैबिनेट में रखने को मंजूरी तो देने से रहा......

आदर्श सोसायटी फ्लैट घोटाले में फंसे सीएम अशोक चव्हाण की दिल्ली दरबार में पेशी औऱ आलाकमान को सौंपे इस्तीफे के बाद सीएम पद की उम्मीदवारी के लिए दौड़ तेज हो गई है....और इसका नजारा भी दिखाई दिया शक्ति स्थल पर....जहां चव्हाण के इस्तीफे के बाद..स्व. इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि जुटे नेताओं ने सब को बता दिया कि हम भी रेस में शामिल है... जी हां... हम बात कर रहे हैं... उन नेताओं की जिनके नाम महाराष्ट्र के नए सीएम लिए के लिए सामने आ रहे हैं....इनमें केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे , पूर्व सीएम विलास राव देशमुख, केन्द्रीय मंत्री पृथ्वी राज चौहान,मुकुल वासनिक और विवादो में फंसे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री नारायण राणे का नाम सामने आ रहा है... लेकिन इंदिरा जी को श्रद्धांजली देने के मौके पर पहुंचे इन नेताओं के बीच इस बात की होड़ साफ दिखाई दी कि कौन 10 जनपथ के ज्यादा करीब है...... इन नेताओं में सबसे पहला नाम सुशील कुमार शिंदे का है.. सुशील कुमार शिंदे पहले भी महाराष्ट्र की कमान संभाल चुके हैं...और इस समय केन्द्र में ऊर्जा मंत्री के पद पर हैं.... दूसरा नाम पूर्व सीएम विलासराव देशमुख का है... जो कि दो बार सूबे के सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं...और मौजूदा समय में केंद्र में मंत्री हैं... वहीं अब तीसरे दौर की भी दावेदारी कर रहे हैं.... पृथ्वीराज चौहान.. जो कि इस समय सोनिया ओर मनमोहन के काफी करीबी हैं...लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति पर उनकी पकड़ जरा ढीली ही है।.. वहीं चौथा नाम हाल ही में विवादों में आए नारायण राणे का है..लेकिन इनके ऊपर भी एक नये घोटाले की छाया पड़ गई...वहीं एक और नाम चर्चाओँ में है मुकुल वासनिक का महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी और गांधी परिवार से नजदीकी रखने वाले मुकुल कांग्रेस में युवा नेता के तौर पर भी गिने जाते हैं....लेकिन फिलहाल तो अशोक को मोहलत मिली हुई है...और अब दिवाली के बाद ही साफ हो पाएगा...कि महाराष्ट्र का ये ताज..अशोक के सिर पर ही रहता है या कोई और ही ये सेहरा बांधता है

लालू के साथ चर्चा और विवादों का साथ नया नहीं.....बिहार में चौथे दौर के मतदान में भी कुछ ऐसा ही हुआ......इस दौर में पटना के दीघा स्थित बूथ नंबर 119 पर दो वीवीआईपी नेताओं ने अपना वोट दिया...लेकिन वोट डालने के साथ ही शुरू हो गया विवादों का सिलसिला.......दरअसल राबड़ी देवी और लालू प्रसाद जब वोट डालने बूथ में घुसे तो उनके साथ उनके सुरक्षाकर्मी भी बूथ में अंदर घुस गए........जबकि नियामानुसार वोटर के साथ कोई सुरक्षाकर्मी 100 मीटर के दायरे में नहीं जाता है.....इस तरह दोनों नेताओं ने आचारसंहिता का उल्लंघन किया और इस बाबत मामला दर्ज हो चुका है.....और तो और मामले के जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं......सबसे बड़ी बात कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद खुद सीएम भी रह चुके हैं और रेल मंत्री भी...ऐसे में उन्हें इस बात की जानकारी तो होनी ही चाहिए थी कि बूथ के अंदर सुरक्षाकर्मियों को ले जाने की मनाही होती है.....इस बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद को कानून तोड़ने की पुरानी आदत है.....उन्होंने ये भी कहा कि लालू पर एक और मामला कोई बड़ी बात नहीं है....अब देखना ये है कि इस नए मामले में जांच के बाद चुनाव आयोग किस तरह का कदम उठाता है...........

Tuesday, March 16, 2010

माया तेरी अजब कहानी

Posted by rachit kathil

आखिर करे तो करे क्या ? या फिर जो चल रहा है उसे चलने दे या फिर उसका डटकर सामना करे ये सोचना उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत जरुरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश की मुखिया और बसपा सुप्रीमो मायावती जिस तरिके से पैसा खर्च कर रही ही , उस से नही लगता की उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन पायेगा बसपा सुप्रीमो को तो सिर्फ इस समय अपनी पार्टी ही दिखाए दे रही है जिस तरीके से उन्होने अपनी पार्टी की २५ वी सिल्वर जुबली बनायीं उससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को एक बार फिर खून के असू रोने पड़ सकते है मायावती ये भूल रही है कि जिस प्रदेश की वे मुखिया है उस प्रदेश की जनता भोली नहीं है वे इस सिल्वर जुबली में ये तक भूल गयी कि उनके प्रदेश का एक हिसा अज भी भुकमरी से ग्रस्त है जी हां मै उसी बुंदेलखंड कि बात कर रहा हु जहा अज से ४ साल पहिले सुखा आया था लकिन मायावती को उसकी तनिक भी चिनता नहीं है उन्हें तो सिर्फ अपने निर्वाचन स्थान और आपनी पार्टी के आलावा कुछ भी नहीं दिखाई देता है मायावती ने जिस तरीके करोड़ करोडो रूपए इस रैली खर्च किये लेकिन यदि उस गरीब जनता से पूछे कि इस रैली आखिर नुकसान किस का हुआ तो वह यही कहती है कि वक्त बताएगा ये बात मायावती और उनकी पार्टी को सोचना बहुत जरुरी है नहीं तो आगामी चुनाव मै कुछ भी हो सकता है

Posted by rachit kathil

आखिर करे तो करे क्या ? या फिर जो चल रहा है उसे चलने दे या फिर उसका डटकर सामना करे ये सोचना उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत जरुरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश की मुखिया और बसपा सुप्रीमो मायावती जिस तरिके से पैसा खर्च कर रही ही , उस से नही लगता की उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन पायेगा बसपा सुप्रीमो को तो सिर्फ इस समय अपनी पार्टी ही दिखाए दे रही है जिस तरीके से उन्होने अपनी पार्टी की २५ वी सिल्वर जुबली बनायीं उससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को एक बार फिर खून के असू रोने पड़ सकते है मायावती ये भूल रही है कि जिस प्रदेश की वे मुखिया है उस प्रदेश की जनता भोली नहीं है वे इस सिल्वर जुबली में ये तक भूल गयी कि उनके प्रदेश का एक हिसा अज भी भुकमरी से ग्रस्त है जी हां मै उसी बुंदेलखंड कि बात कर रहा हु जहा अज से ४ साल पहिले सुखा आया था लकिन मायावती को उसकी तनिक भी चिनता नहीं है उन्हें तो सिर्फ अपने निर्वाचन स्थान और आपनी पार्टी के आलावा कुछ भी नहीं दिखाई देता है मायावती ने जिस तरीके करोड़ करोडो रूपए इस रैली खर्च किये लेकिन यदि उस गरीब जनता से पूछे कि इस रैली आखिर नुकसान किस का हुआ तो वह यही कहती है कि वक्त बताएगा ये बात मायावती और उनकी पार्टी को सोचना बहुत जरुरी है नहीं तो आगामी चुनाव मै कुछ भी हो सकता है