
उत्तर प्रदेश की सियासी राजनीति तो आपने जरुर देखी होगी…. लेकिन इस राजनीति पर अब कुछ खास नजर रखाना जरुरी है क्योंकि अब ये राजनीति वोट बैंक और विकास के वादों की नहीं बल्की खूबसूरती की हो गयी है...उत्तर प्रदेश में 2012 में विधान सभा चुनाव होना है और वहीं अब लोगो को लुभाने के लिये एक नया तीर चलाया गया है..
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को तो आपने बीएसपी मुखिया सुश्री मायावती पर कड़े से कड़े तीर छोड़ते हुए तो मंचों पर सुना होगा...लेकिन जब कोई कुछ खास अंदाज में मायावती पर निशाना साधे तो फिर क्या कहना ? ... मुलायम सिंह तो मायावती के जानी दुश्मनों में से एक है जो एक दूसरे को देखते ही भड़क उठते है.... वहीं जब बात रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की हो तो मायावती कभी भी उन्हे अपनी आंखों के सामने नहीं देख सकती है..... लेकिन जब पत्रकारों के सवाल की बात आये तो कोई कैसे चुप रह सकता है.... लखनऊ में विधान सभा सत्र से एक दिन पहले प्रेस कॉफ्रेस में मुलायम ने राजा भइया की जगह पत्रकार के सवाल पर अपनी ही खूबसूरती को दिखा दिया कि हम उनसे ज्यादा खूबसूरत है... पत्रकार ने जब मुलायम सिंह से पूछा कि अपराधियों के चुनाव लड़ने के बारे में उनकी और मायावती की राय एक जैसी क्यों है.... तो मुलायम ने ये जबाब दे कर लोगो का मुह बंद कर दिया है.....लेकिन जब ये बात मुलायम ने कही तो उस समय मुलायम का चेहरा देखने काबिल था.....लेकिन बार बार इस बात को ध्यान करते वक्त मुझे ये ही याद आता है कि क्या मुलायम को अब माया के सामने अपनी खूबसूरती दिखानी होगी या फिर अपना दमखम ....लेकिन मुलायम सिंह तो समाजवादी नेता है वे कैसे खूबसूरती की बात कर सकते है.....और समाजवाद तो महिलाओं का आदर करता है.... तो क्या इस बार मुलायम सिंह को ब्यूटी प्लार जाकर खूबसूरत होना होगा या फिर ब्यूटी टिप्स लेनी होगा अपने चेहरे निखार लाने के लिये......वैसे मुलायम तो दिखते ही सुन्दर हैं.... उन्हे किसी से टिप्स लेना की जरुरत ही कहां है वे तो दूसरों को टिप्स दिया करते है...
लेकिन चुनाव में तो यूपी में कई पार्टियां हिस्सा लेती है फिर किस किस को मुलायम की तरह सुन्दर देखना होगा....और कितनी ब्यूटी टिप्स लेनी होगी..... वहीं यदि और बड़ी पार्टियों की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के सामने तो यह सवाल बहुत बड़ा होगा....कि उनकी पार्टी को ऐसा कौन सा चेहरा सामने लाना होगा कि उसे वह सुन्दर बता सके......और मैदान में बाजी मार सके ताकि यूपी पर उनका कब्जा हो सके.....यदि हम माया और मुलायम की सुन्दरता के सामने युवाओं की सुन्दरता की बात करते है तो मुलायम के सामने तो विकल्प है लेकिन माया का क्या होगा...वहीं सभी पार्टियों के पास भी सुन्दर युवा चेहरे तो है लेकिन कोई बड़ा नेता सुन्दर नही है जिसे वो मुलायम और माया की सुन्दरता के बीच खड़ा कर सके.....
वहीं पहल अनोखा कदम इस सुन्दरता पर कई सवाल खड़े करने जा रहा है कि क्या अब यूपी के नेताओं को चुनाव जीतने के लिये कैट वोक करना होगा....या फिर चुनाव में रैलियों से पहले ब्यूटी पार्लर जा कर नोताओ को खूब सूरत होना होगा.... या फिर विकास की जगह सुन्दरता ही नया एजेंडा होगा.....ये सारे सवालों का जबाब कौन देगा ? जो पहल ने मुलायम के इस सुन्दर तीर से छोड़े है.... क्या मुलायम सिंह को इस बार यूपी चुनाव में जनता से खतरा लग रहा है जो सुन्दरता की बातों से लोगो को लुभआने की सोच रहे है..... इस फैशन के दौर में पहल अनोख कदम तो यही है कि क्या इस बार यूपी में होने वाले 2012 के चुनावी एजेंडा में क्या सुन्दरता ही काम आयेगी या फिर प्रदेश का विकास..... ये तो वक्त आने पर जनता ही बतायेगी..... कि सुन्दरता लोगो को कितना लुभाती है.....या फिर उनका विकास लोगो को लुभाता है.... वहीं मुलायम के इस बयान पर विपक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा है कि वो खुद तो कितने सुन्दर है ये तो सबको पता है और ये जनाता भी जानती है...इस सुन्दरता की प्रतियोगिता में अब कैटरीना, एशोरया, हेमामालनी, के बाद लोगो को अब मुलायम, माया, रीता, सूर्य प्रताप शाही में से किसी को तलाशना होगा तभी तो इस प्रतियोगिता में कोई विजय होगा......
बाइट मुलायम सिंह , सुप्रीमो ,समाजवादी पार्टी
मैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमों मायावती से ज्यादा खूबसूरत हूं इसलिए कोई उनकी तुलना करने की बात ही नहीं है......
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प्रदेश में ये क्या हो रहा है....क्या ये वही प्रदेश है जिसे लोग उत्तम प्रदेश के नाम से जानते है...या फिर वो प्रदेश है जिसे लोग उत्तर प्रदेश कहते है.. इस प्रदेश में आज कल कुछ दिनों से काफि सर्गियां तेज है आखिर कार क्या मामला है जिससे ये प्रदेश आये दिन चर्चा में रहता है... ये प्रदेश कभी बलात्कार के मामलों में तो कभी चमचागिरी के मामलों में लोगो के सामने आते रहता है...जी हां हम बात कर रहे उसी उत्तम प्रदेश की जो सरकरी आंकड़ो मे ही उत्तम है.... जहां अब आम जनता के साथ खेला जा रहा है एक ओर सौतेला व्यवहार....ये व्यवहार केवल 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान हो रहा है...क्यों कि यूपी का राजनीति ही है जो देश और प्रदेश की राजनीति को तय करती है...जिसका अब पूरा फायदा उठाने में लगी है माया मैम साहब.....
उत्तर प्रदेश में 2012 में विधान सभा चुनाव होने है और उस पहले 2011 के सितम्बर या अक्टूबर प्रदेश में नगर निगम के चुनाव है...जिसके चलते माया मैम कोई भी मौका नही खूना चाहती है...उसके लिये माया सरकरा ही नही अन्य पार्टियों ने भी तैयैरी शुरु कर दी है... जिसके लिये बीएसपी ने एक नयी चाल चलकर लोगो को बता दिया कि चाहे कुछ भी हो जाये सरकार उनकी आयेगी...जिसके लिये वो हर सम्भव प्रयास कर रही है.....ओर उनका ये प्रयास आम जनता के सामने तब आया जब माया सरकार ने विधान सभा में विधेयक रखा कि लोगो को अब नगर निगम और नगर पंचायत के अध्यक्षो को नहीं चुन्नेगे और इन्हे सिर्फ चुने हुए प्रत्याशी ही चुनेगे..... जिस लेकर लोगो के अंदर काफी रोष व्यापत है....कि उनक अधिकारो के साथ ही सरकार क्यो खेलती है और उनकी परेशानी को अब कौन सुनेगा जब ये विधेयक पास हो जायेगा...... वही इस देश मे जहां जनता को सिर्फ एक ही अधिकार था कि अपने मत के प्रयोग से अपने शहर की सम्सयाओँ को का निदान कराने के लिये वो अपना प्रतिनिधि चुनकर उन पर अम्ल करा सकता था लेकिन सत्ता की भूख ने वो भई आज उनसे छईनने की मुहीनम चला दी है....जिसके चलते आज जनता ही नही पूरे प्रदेश में केवल एक ही चर्चा है कि अब जनता को क्या अधिकार है...यदि हम दूसरे देशओ की बात करे तो अमेरिका एक एसा देश है जहां का पूरा लोक तंत्र जनता के कंधो पर होता है लेकिन हामारे देश में ये अधिकार तो दूर अब शहर के मैयर को भी चुनने का अधिकार माया सरकार खत्म कर ने जा रही है...
इस विधेयक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि लोगो को सिर्फ उनके क्षेत्र का साभसद या पार्षद ही चुनने का अधिकार दिया जाये ताकि वो सही पार्षद को चुनकर भेज सके...लेकिन जब जनता ही उसका विरोध करे तो फिर क्या कहना.... पहल पत्रिका ने इस विधेयक के चर्चाओँ में आते ही पूरे प्रदेश में एक मुहीम तैयार की ओर जनता से जानान चाहा कि वो क्या सोचती है इस विधेयक के बार में... तो जनता का एक ही फैसला है कि सरकार कोई भी मंत्री या नेता तो हमारे पास हमारी समस्याओं को सुनने आता नही तो फिर हम कैसे अपना अधिकार को खत्म करने की इज्जात दे इस माया सरकार को ... हमें तो अब अपना प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक चुनने का अधिकार मिलना चाहिये......लेकिन ये सरकार तो हम से हमारे ही हक को छीनना चाहती है.... वही जनता के साथ साथ विपक्ष ने भी इस विधेयक पर तीर चलने से पीछे नही हटी ....विपक्षियों की माने तो ये माया की तानाशाही है जो जनता के मताधिकार के साथ खेलना चाहती है...लेकिन पहल इस मुहीम की पर सरकार से कई सबला पूछाना चाहती है कि क्या वो आम जनता के अधिकारों के साथ खेल नही रही है.....या फिर सरकार अपने फायदे के लिये ये सब कुछ कर रही है... ये सारे जबाब जनता मांग रही है माया वती जी से ,....लेकिन माया ये भूल रही है कि जनता से उनके मताधिकार को छीनना कहीं उन्हें महांग पड़ जाये.... क्यों ये जनता है बहुत खुछ जानती है और अच्छे नेताओं को भी सिखा देती गद्दी की गर्मी का सुख....
बाइट --- ये सरकार हमारे मताधिकार को अपने सुख के लिये खरीदना चाहती है.... ताकि उसके लोग ही शासन करें...ओर हमारे सुखो के साथ खेल सके... कमलेश चतुर्वदी, मऊरानीपुर (झांसी) (आम आदमी)
मायवती अपना राज्य दुबारा लाने के लिये ये सारे षड़यंत्रो को रच रही है... ताकि वो प्रदेश की जनता पर दुबारा शासन कर सके... अभिनय सेठ, बांदा (आम आदमी)
बाइट---- माय का ये विधेयक लोगो के माताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है...ताकि लोगो को उनका सचा सेवक नहीं मिल पाये......
रविन्द्र शुक्ला , पूर्व शिक्षामंत्री उ.प्र.
माया जो भी कर रही हौ वो सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिये कर रही है शायद माय को ये डर है कि कही उनकी सरकार नचली जाये....
रामरति आर्य विधान सभा प्रत्याशी सपा , पूर्व ब्लाक प्रमुख मऊरानीपुर

उत्तर प्रदेश की राजनीति दिन प्रतिदिन तेज हो जा रही है... ये राजनीति का एक ऐसा कुंआ है जिसे देखकर अच्छे नेता भी सिर से लेकर पैर तक कांप जाते है....क्योंकि जो भी राजनीति तय होती है वो यूपी से ही तय होती है... अगर केंद्र की राजनीति की बात करें तो वो भी यूपी से ही तय होती है...वहीं नजारा इस वक्त यूपी का है... क्योंकि 2012 में विधान सभा चुनाव है....
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भी इस तरह कप कपा रही है कि उन्हे भी यूपी के दौरे की याद आ गई..वर्ष 2009 के बाद माया को सीधे 2011 में लोगो की याद आई और ये याद कोई एसी वैसी नहीं है ये तो 2012 में होने वाले विधान सभा चुनाव की है...वहीं किसी ने सच ही कहा है कि माया तेरी अजब कहानी....ये कहानी तब सामने आयी जब मायावती ने अलीगढ़ का दौरा किया और इस दौरे में माया के सामने कई लोग आये लेकिन माया को कोई फरक नहीं पड़ा... उस बीच एक करिश्मा देखने को मिला जो आपनो सोचा ही नहीं था.....माया तक अपनी बात पहुंचाने वाली महिलाओं को जब माया से नहीं मिलने दिया गया तो एक महिला माया के काफिले के सामने लेट गयी... लेकिन उसके दुख दर्द ने भी माया का दिल नहीं पिघला पाया और माया ने उससे बिना मिले ही वहां से चल उचित समझा.... लेकिन उसने फिर भी हार नहीं मानी और माया के काफिले के साथ उस जगह तक पहुंच गयी जहां पर माया का अगला कार्यक्रम था....लेकिन प्रशासन की पोल न खुल जाये इस लिये उसे माया से मिलने नहीं दिया गया.. ये सुनीता वो ही महिला है जिसने माया सरकार में सिचाई मंत्री जयवीर सिंह पर ये आरोप लागाया है कि उसके पिता को मंत्री के कहने पर ही मारा गया है ... सुनीता के पिता सिचाई विभाग में इंजीनियर थे ..... वहीं जब माया ने इटावा का दौरा किया तब भी माया को किसी की चिंता नहीं थी... और लोगो से मिलने की जगह माया को तो सिर्फ अपने कार्यक्रम की चिंता सताये जा रही थी....माया के दौरे ने तो जैसे पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था.... जिसके चलते स्कूल के बच्चो को रविवार के दिन भी स्कूल में हाजरी लगनी पढ़ी... और जब पत्रकारों ने उनसे पूछा की तुम से मिलने कौन आया था तो उन्हे नाम तो मालूम था.. लेकिन उनकी पोस्ट मालूम नहीं थी.....ये तो छोटे – छोटे बच्चे थे.... वहीं इनको पढ़ाने वाले शिक्षकों को तो उनके विभाग के मंत्री तक का नाम ही नही मालूम था.... तो क्या इसे आनन फनन की पढ़ाई कह जाये या फिर उसे माया का ढ़र के नाम से पुकारा जाये ये तो सोचना बहुत जरुरी है.....
सुश्री मायावती के दौरो का ये सिलसिला तो चलता रहा लेकिन आज औरैया में तो कुछ अलग ही कर दिया बहन जी ने ... जो किया वो तो बहुत ही शर्मनाक था... अरे मेडम रुकिये तो जरा आपकी जूती गंदी है....जरा उसे साफ तो कदेने दीजिये...
यूपी के औरैया में डीएसपी रैंक के एक अफसर से मायावती ने अपनी जूती तक साफ करा ली....ये वाक्या छह फरवरी का है.. जब सीएम साहिबा औरैया दौरे पर आई थीं.... सीएम साहिबा हेलिकॉप्टर से उतरने के बाद जहां अधिकारियों से बातचीत में शरुफ थीं.... वहीं डीएसपी रैंक के एक अफसर पद्म सिंह ने उनकी जूती साफ किए जा रहे थे.....आपको ये भी बता दें कि पद्म सिंह को राष्ट्रपति पुलिस मेडल भी मिल चुका है...ये अधिकारी 1994 से मुख्यमंत्री मायावती की सुरक्षा में तैनात है.....और इसे एक साल का सेवा विस्तार भी मिल चुका है......अब इसे चाटूकारिता की हद कहें या ड्यूटी......ये तो माया जी या फिर पद्म सिंह ही जान सकते है.....लेकिन इन सारे दौरों पर जो कुछ हुआ... उनमें से ये वाक्या बहुत गलत हुआ है... कि पुलिस विभाग के आलाधिकारी मुख्यमंत्री की जूती साफ करे....वहीं इस मामले में विपक्ष ने भी जमकर तीर छोड़ने में कोई कोतोहल नही बरता ... ये घटना केवल औरैया की नहीं बल्कि ऐसा मामला अलीगढ़ में भी देखने को मिला है जिसमें अलीगढ़ के एसडीएम मायावती के पैर छूत हुए दिखे है....वहीं औरैया और अलीगढ़ की इस घटना को वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने ने शर्मनाक बताया है....उन्होंने कहा कि मायावती तानाशाह कर रही है...उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अफसरों को चाटूकारिता करने के लिए मजबूर कर दिया है.....समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो ये तक कह दिया है कि माया ने जो कुछ अधिकारियोम से कराया वह अब उन लोगो को कर ना होगा जिन्हे बीएसपी विधान सभा चुनाव का टिकिट चाहिये है... वहीं कैबिनेट सचिव शशांक शेखर ने जिस तरह से इस पूरे मामले में सफाई दी वो तो देखने काबिल थी... उन्होने कहा कि ये काम पद्म सिंह जी ने माया की जान के खतरे को देखते हुए किया है....लेकिन विपक्ष तो इस माया की तानाशाही के नाम से पुकारने में जुटा है... आखिर कार माया के इन दौरा का जनाता पर कैसा असर पड़ा होगा ये तो माया और माया की प्रजा यानि यूपी की जनता जानती होगी....लेकिन ऐसा काम क्या माय को शोभा दिया होगा...

ये क्या हो रहा है प्रदेश में..... कभी कानून व्यवस्था की पूल खुलती है, तो कभी किसी पार्टी की लेकिन अब तो प्रदेश में हद ही हो गयी है......ये प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जिसकी हिस्सेदारी से ही देश की राजनीति तय होती है लेकिन इस प्रदेश में इस साल कई सही पोले खुलती नजर आयी है....ये साल जहां जनता ओर विपक्ष के लिये अच्छा है तो वहीं ये साल सरकार के लिये गले की फांस बना हुआ है.......साल की शुरुवतों में ही सरकार विवादों में घिरती नजर आयी है....वहीं कानून के व्यवस्था की पोल तो आप लोगो को हम दो माह से लगातार बताते आ रहे है......लेकिन इस बार जो हुआ वो तो लोगो के पैरो तले जमील खिसका देने जैसा मामला है...आपमें से कुछ लोगो की उम्मीद है कि वो देश की राजनीति में जाये और उसके बिगड़ते हालातों पर काबू पा सकें..... लेकिन अब 2012 में होने वाले विधान सभा के उम्मीदवार अब सावधान हो जाओ.......कहीं आप विधान सभा सत्र में हिस्सा ले रहे हो ओर आपके घर में ये खबर पहुंच जाये कि आप की मौत हो गयी है.... तो फिर क्या होगा आप के घर का हाल ये तो देखने काबिल होगा..... लेकिन ये कोई मजाक नहीं है ये तो हक्कीत है आप को बता दें की ये मामला उस उस प्रदेश का जहां हम कभी कानून की उड़ती धज्जियां देखते है तो कहीं हम अला अफसरों की चमचा गिरी देखते है आप लोगो को अब में सीधे तौर पर ये बतने जा रहा हूं कि ये हादसा कही ओर का नहीं उत्तम प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश का है.....प्रदेश में आजकल कुछ भी ठीक ठाक तरीके से नहीं चल रहा है..... ये नया मामला प्रदेश की सबसे जिम्मेदार संस्था सचिवालय से जुडा हुआ है। सचिवालय ने ऐसा किया, जिससे सुनने के बाद आपके कान खडे हो जायेंगे....ये प्रदेश में नौकरशाही की काबलियत पर ही प्रश्न खड़ा कर रहा है..... उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने कांग्रेस के विधायक को ही मृत घोषित कर दिया है....ये विधायक उसी क्षेत्र के है जो यूपी के लिये गले की फांस बना हुआ है....ये जिला है उत्तर प्रदेश का बांदा...... जो कभी शीलू बलात्कार तो कभी कई मामलों के रूप में सामने आता रहता है.... अब तो इस बांदा के विधायक को ही विधान सभा के सचिवालय ने मृत घोषित कर दिया है.....ये विधायक है विवेक सिंह.... जो कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के चेयरमैन भी है.....वहीं विधायक की मौत की खबर को उनके जब परिवार वालों ने सुना तो उनके होश ही उड़ गये है.... विवेक सिंह को मृत होने की खबर उनकी पत्नी मंजुला को सचिवालय ने पत्र भेजकर दी और उनसे राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग कर है वहीं इस खबर से सारे शहर में शोक की लहर दौड़ गयी......वहीं ये पत्र तब भेजा गया जब यूपी में विधान सभा सत्र चल रहा था.... ये पत्र 22 फरवरी को जारी किया गया था.............और इस पत्र में वर्तमान विधायक को पूर्व विधायक बताया गया है.....लेकिन जब विधायक की मौजूदगी विधान सभा में है तो फिर वो मृत कैसे हो सकता है.....ये तो कोई भगवान की लीला ही हो सकती है.....कांग्रेस विधायक विवेक सिंह की माने तो उनके साथ ये जान बूच कर किया गया है....... क्योंकि पिछले दिनों हुए शीलू बलात्कार मामले में विवेक सिंह ने काफी हद तक विरोध किया था..... और प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी नकल कसी थी......जिसके चलते उनके साथ ये किया गया है.... विधआन सभा के सचिव प्रदीप दुबे का कहना है कि सचिवालय की गलती से सिंह के मृत्यु सम्बंधी पत्र जारी हो गया था.... वहीं इस मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी करर्वाई की जायेगी.....और हमने माफी के साथ ये पत्र विधायक जी से वापस ले लिया है..... पहल अनोखा कदम इस गलती पर कई सबला खडा कर रहा है..... कि क्या अब प्रदेश की जिम्मेदार संस्थान ही मरवने की गल सूचना देगी ..... या आखिर कार ये गलती हुई तो कैसे.........ये सारे सवाल जनता जानना चाहती है......कि गलती के पीछे क्या रानीतिक कारण है या फिर कोई आपसी खुनश.... यो तो सरकार ही बता सकती है...... लेकिन यदि एसा होता रहा तो एक दिन विधान सभा जाने से भी विधायक डर ने लगेगे.......
बाईट.........
कांग्रेस विधायक विवेक सिंह ............ कि यह प्रकरण लापवाही भरा होने के साथ ही बेहद हास्यास्पद भी है। और यह कोई मामूली घटना व मानवीय चूक नही है बल्कि यह राज्य सरकार की सोची समझी साजिश हो सकती है...........