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मै कैसे डालू वोट ये सोचना है बड़ा मजेदार!
मै यहाँ हू और मेरा दिल (वोट) वहां (झाँसी) है! चिठ्ठी आई है आई है चिठ्ठी आई! बड़े दिनों के बाद एक चिठ्ठी घर से आई है! घर वालो ने पूछा हेगा कैसे डालोगे तुम वोट!क्या आओगे तुम घर वापस यदि नहीं, आओगे तो क्या करो गए मुझे तो कुछ समझ न आया है! सुचता हू क्या करुगा ! केसे दूगा वोट अजी में, उन्होंने पूछा कोई तरकीब है क्या ! क्या बताऊ कुछ भी नहीं! जाने क्या होगा उस वोट का, किसकी तक़दीर का है वो, क्या उसकी नसीब मे वो है! ये बात तो न सूची किसी ने! हर एक युवा घर से है दूर, इस बारे में कोई खोज नहीं है और कोई तकनीक भी नहीं! मैएतो चक्कर में फस गया, कैसे निकुलो पता है नहीं यार और कैसे वोट मै डालो क्यों की मेरा वोट बहुत कीमती है किसे प्रत्याशी ने अभी तक नहीं सुचा है किसे ने कोई तरकीब नहीं निकली और नहीं कोई ओंलियन वोटिंग की विवसथा है!
किसी ने सच ही कहा है कि एक वोट से ही किसी कि तक़दीर बिगड़ती है!
हम जेसा युवाओ के लिए कोई तरकीब होनी चाहिए जिसे किसी बढ़िया प्रत्याशी तक़दीर न बिगड़ पाए इस के लिया सरकार को कोई मुहीम चलानी चाहिय!
जय हो युवा पीढी की

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