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Friday, August 30, 2013

जनमाष्टमी पर अश्लीलता

Posted by rachit kathil

वाह क्या ताल है, क्या ठुमके हैं , और ये ठुमके जिस मंच पर लग रहे हैं वो कोई रैली या मेला नहीं है, बल्कि कान्हा के जन्मदिन की खुशी पर लग रहे हैं....ये ठुमके किसी धार्मिक गानों पर नहीं बल्कि अश्लील गानों पर कान्हा के प्रगट होने की खुशी में मनाई जा रही है....इस खुशी में बच्चे हों या जवान या बूढ़े सभी शामिल हैं, हां भाई माखन चोर जो प्रगट हुए हैं...एक तरफ जहां पूरा देश भगवान कृष्ण के जन्मदिन की धूम में डूबा हुआ है, सभी जगह मंदिरों में शंख और बधाई गीतों से लोग कान्हा का जन्मदिन मना रहे हैं, वहीं देवरिया नगरपालिका में कान्हा के जन्मदिन पर अश्लील गानों और ठुमको की धूम मची है....एक ओर मंदिरों में प्रसाद और फूल की वर्षा हो रही थी तो वहीं दूसरी ओर देवरिया में इस मंच पर वर्षा तो हो रही थी, लेकिन फूलो की नहीं बल्कि नोटों की वो भी बार बालाओं पर...जिस खाकी को मंच पर हो रहे इस तरह के अश्लील कार्यक्रम को रोकने का काम करना चाहिए था वो भी खुद तमाशबीन बना हुआ था...फिर कार्रवाई की सहज ही कल्पना की जा सकती है.... http://youtu.be/4Pg6LB-wQyw 100% 100% Add to Cancel

Monday, June 3, 2013

पानी ला ओ दुल्हन ले जाओ

Posted by rachit kathil

कौन कहता है कि बुन्देलखंड में सब कुछ है ...जिसे न मालूम हो वो भी सुनले ... खास तौर पर वो जो बुन्देलखंड के नाम पर राजनीति करते हैं.... बुन्देलखंड में पानी की समस्या पर हर कोई राजनीति करता है । लेकिन किसी को ये मालूम ...है कि बुन्देलखंड के जिलो के कई गांवो एसे है जिन में पानी के चलते कोई अपनी बेटी नहीं देता है जी हां .... वहां के लड़के कुवारे हैं ... क्योकि वहां पानी नहीं है ...अब क्या राजनेता इस समस्या को देख रहे है या फिर सिर्फ राजनीति कर रहे है ... मैं चाहूंगा कि सीएम अखिलेश यादव इन गांव में जाकर वहां कि समस्या सुने और बुन्देलखंड की बुन्देली आवाज को अपनी कैबिनेट में गूंजने दे क्योकि ये समस्याए बुन्देलखंड के विधायक ही उठा सकते है .... अब आप ही बातइये सीएम सहाब आखिर कब तक सिर्फ पानी के चलते कुंवारे रहेगे ये लड़के .... कुछ तो करिये

Wednesday, May 1, 2013

नहीं रहा देश का सपूत ।

Posted by rachit kathil

कभी कोई जवानो के शव काट देता है तो कोई जेल में हमारे भारतियो को पीट कर चला जाता है लेकिन हमारी सरकार मूख बनकर यही कहती है कि बात हो रही है ... आज देश का एक और सूपत मारा गया ... और सरकार कुछ न कर सकी ... पाकिस्तान हर बार अपनी मनामनी करके चला जाता है .. पीएम और देश की सरकार उनका स्वागत करती है .. उनके लिए खाने का भोज करती .. सलमान खुर्शीद हाथ मिलाते है और साथ में खाना भी खाते है ...लेकिन हमारे जवानो को कटने की बता पर चुप हो जाते है ... कसाब के स्वागत में करोडो रूपेय खर्च करते हैं जब उसने मांगा चिकिन बिरियानी तो सरकार हिल गई .. और उसके लिए वो लेकर भी गई .... जब सरबजीत ने मांगा पानी तो उसे जूते और चाबुक मिली ... लेकिन सरकार ने कुछ नहीं कहा .... जनता पूछना चाहती है कि मनमोहन सिंह जी और पूरी केन्द्र सरकार आखिर अब क्या करेगी क्या पाकिस्तान पर कार्यवाही करेगी ... या फिर देश के जवानो को पाकिस्तान के सामने कटने के लिए छोड़ दिया जाएगा ....

हमतो चले पर्देश हम पर्देशी हो गए ... ये शब्द उस वक्त कहे जा रहे थे जब सीएम अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री आजम खान के साथ कई मलाई दार मंत्री और अधिकारी अमेरिका दौरे पर निकले थे ... लेकिन अमेरिका की धरती पर पहुंते ही ... आजम खान साहब को बेइजित किया गया । उनको ही नहीं एक बार फिर भारत के किसी नेता को अमिराका द्वारा अपमानित किया गया । आजम खान इन दिनो सीएम के साथ अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी से आये निमंत्रण पर अमेरिका गये थे । 24 तारीख की सुबह तड़के 3.45 मिनिट पर आजम खां सहाब सीएम के साथ अमेरिका के लिए रवाना हुए ... और जैसे ही वो बोस्टन एयरपोर्ट पहुंचे उन्हे हिरासत मे ले लिया गया । और उन से पूछताछ की गयी .. शायद आजम ये भूल गये थे कि वो जिस देश में जा रहे है वहां ये उनके साथ कोई पहला वाक्या नहीं । उनसे पहले भी देश के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम साहब और बॉलिवुड के बादशाह किंग खान को ये देश जलील कर चुका है । लेकिन अब क्या मुलायम सिंह अपनी सहयोगी पार्टी से ये पूछेगे कि अब वो क्या कदम उठाते है । क्यो कि किंग खान और पूर्व राष्ट्रपति इस अपमान को झेल चुके है । और फिर भी केन्द्र सरकार ने इस पर कोई भी बात नहीं की । जनता जनार्दन की माने तो जो जैसा करे उसके साथ वैसा ही करे ।

जहां सूबे के नेता और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह अधिकारियो को सही तरीके से काम करने का पाठ पढाते है वहीं अखिलेश सरकार के कुछ मंत्री गलत बयान बाजी करते है .... जहां सीएम अखिलेश 5 दिन के विदेश दौरे पर है वहीं सीएम साहब के चहेते मंत्री अधिकारियो को कोडे, डंडे के साथ साथ वर्दी तक उतारने की धमकी देते है भाई क्यो न दे साहब कपड़़ा मंत्री जो ठहरे .... सपा सरकार में कपड़ा में मंत्री शिव कुमार बेरिया ने कार्यकर्ताओ की बात न सुनने को लेकर अधिकारियो की बर्दी तक उतारने की बात करते है ... सीएम साहब राजाराम पांडे ने तो हेमामलनी के गालो की तुलना कुंडा की सड़को से की तो उन्हे कैबिनेट से चलता कर दिया इन मंत्री जी ने तो मुलायम सिंह के आदेश की ही धज्जियां उडा दी तो इन का क्या करेगे वहीं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त जावेद अली ने तो आपके नाम का सहार लेते हुए अधिकारियो को चाबुक तक मारने की बात कह दी ... सीएम साहब आपके मंत्रीयो जुबान बहुत फिसल रही है आखिकार लगता है कि ये मंत्री अब आपके हाथ से निकल गये है । अब क्या करेगे मुलायम सिंह जी और आप जरा जनता को भी बता दे

Thursday, January 10, 2013

यूपी सरकार को नहीं है परवाह....

Posted by rachit kathil

शहादत का न्यौता देदे मुझे तभी तो आऊंगा उस शहीद को श्रद्धांजलि देने...पैड़े तो हमने आज मथुरा में खूब खाए लेकिन तुमने शहादत का न्यौता नहीं दिया तभी तो हम नहीं आए ...... जी हां ये हैं यूपी के मंत्री दुर्गाप्रसाद यादव जी .. जिनको शहादत का निमंत्रण चाहिए .... क्योंकि उन्हे शहीद के अंतिम संस्कार का न्यौता नहीं मिला .... वहीं सीएम अखिलेश यादव अपने कुछ नेताओ और मंत्रियों के साथ मथुरा से कुछ दूर गाजियाबाद में आए लेकिन उस शहीद घर जाने की किसी भी सुध नहीं आई।जबकि एक मध्य प्रदेश के सीधी में शहीद सुधाकर के अंतिम संस्कार में स्वयं सीएम शिवराज सिंह पुहंचे और सुधाकर की शहादत को सलाम करेत हुए उसकी मिट्टी को अपने सिर से लगाया... लेकिन यूपी के मंत्रियों को इससे क्या कि जवान अपनी जान हत्थेली पर रखकर हमे रात की नींद चैन से सोने देते हैं ... लेकिन इन मंत्रियों को उनके अंतिम संस्कार में जाने के लिए निमंत्रण चाहिए .... वहीं मंत्री दुर्गाप्रसाद का कहना है कि उनको इसकी सूचना न थी , माननीय क्या सैफई महोत्सव की आपको सूचना थी कि प्रियंका चौपडा आरही है । तब तो सारी सरकार वहां मौजूद थी... तो फिर उस शहीद के यहां क्यों नहीं .... क्या यूपी सरकार के फिल्मी हस्तियां और कुश्ती प्रतियागिता.... शहीद कि चिता से ज्यादा जरूरी है ...तो अखिलेश जी आपकी सरकार से जनता को ये उम्मीद नहीं थी.. इस पर जरा ध्यान दीजिए ....वो शहीद बेटा मथुरा के शेरनगर का नहीं पूरे देश का बेटा है इस बेटे के परिवार को सिर्फ रूपेय से सहायता देने से कुछ नहीं होता । अगर उस बच्चे के सिर पर आप हाथ फेर देते और उस शहीद की मिट्टी को सिर से लगा लेते तो जो पुण्य आपको उस शहीद की राख को सिर में लगाने से मिलता वो आपको किसी मथुरा के मंदिर में जाकर नहीं मिलता ।

Sunday, December 23, 2012
Posted by rachit kathil

आज सुबह अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करने के बाद एक बार मन ने कहा क्यों न चलो इंडिया गेट चलते हैं ... और उन लोगो के साथ हम भी उस लड़की के लिए न्याय के लिए गुहार लगाते है । हम और हमारे दोस्त इस कड़ी केलिए इंडिया गेट चल दिए लेकिन वहां जो हुआ वो देखने के बाद मेंरे आंखो में आंसू आ गये .... वहां दो चीज देखने मिली पहली राजनीति और दूसरी आक्रोश । लेकिन राजनिति के लिए लोग अलग बैठे दिखे । जनता अलग दिखी । लोगो ने तो आगे बढ़ने की कोशिश की ।लेकिन राजनीति करने वाले अलग ही बैठे रहे । काफी देर बात एक महिला ने सही ही कहा कि अगर राजनीति करना है तो घर मैं बैठक चूडियां पहन कर करो । जब वहां से आगे बढ़ा तो देखा कि दिल्ली की सीएम के बेटे और कांग्रेस के प्रवक्ता संदीप दीक्षित भी गाडी में बैठक वहां से निकले छुपते छुपाते । एक नजर क्या पड़ी की जनता में किसी ने आवाज लगाई कि देखो चोर जा रहा है । और संदीप को गाडी छोड़ वहां से भागना पडा लेकिन फिर भी राजनीति के दिग्गज वहां से नहीं उठे .... काफी देर बाद शाम करीब 3 बजे के करीब एक पतली सी गली में निकले और कहा कि चलो पीछे के गेट से चलते है । लड़के लड़कियां उनके साथ चल दिए लेकिन पुलिस ने उन्हे तो गिरफ्तार कर लिया । और जनता पर इस तरह आंसू गैस के गोले छोड़े कि लोगो को वहां से भागना पड़ा कई की तो हालत ही खराब हो गई है । लाठी पड़ती रही आंसू गैस के गोले छोड़े जाते रहे लेकिन निहत्थी जनता आखिर करती तो क्या उसने पत्थरों को बनाया अपना निशाना । सजा दिया पुलिस वालों के लिए पत्थरो से सजा फूलों का हार । लेकिन कहते है कि दिल्ली पुलिस ने जो किया वो गंदा था । क्या उनके घर में बहू बेटी नहीं है । जो लड़कियों पर हो रहे अत्याचार को बढ़ाने का काम कर रही है ।