Subscribe
Add to Technorati Favourites
Add to del.icio.us
Sunday, December 23, 2012
Posted by rachit kathil

आज सुबह अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करने के बाद एक बार मन ने कहा क्यों न चलो इंडिया गेट चलते हैं ... और उन लोगो के साथ हम भी उस लड़की के लिए न्याय के लिए गुहार लगाते है । हम और हमारे दोस्त इस कड़ी केलिए इंडिया गेट चल दिए लेकिन वहां जो हुआ वो देखने के बाद मेंरे आंखो में आंसू आ गये .... वहां दो चीज देखने मिली पहली राजनीति और दूसरी आक्रोश । लेकिन राजनिति के लिए लोग अलग बैठे दिखे । जनता अलग दिखी । लोगो ने तो आगे बढ़ने की कोशिश की ।लेकिन राजनीति करने वाले अलग ही बैठे रहे । काफी देर बात एक महिला ने सही ही कहा कि अगर राजनीति करना है तो घर मैं बैठक चूडियां पहन कर करो । जब वहां से आगे बढ़ा तो देखा कि दिल्ली की सीएम के बेटे और कांग्रेस के प्रवक्ता संदीप दीक्षित भी गाडी में बैठक वहां से निकले छुपते छुपाते । एक नजर क्या पड़ी की जनता में किसी ने आवाज लगाई कि देखो चोर जा रहा है । और संदीप को गाडी छोड़ वहां से भागना पडा लेकिन फिर भी राजनीति के दिग्गज वहां से नहीं उठे .... काफी देर बाद शाम करीब 3 बजे के करीब एक पतली सी गली में निकले और कहा कि चलो पीछे के गेट से चलते है । लड़के लड़कियां उनके साथ चल दिए लेकिन पुलिस ने उन्हे तो गिरफ्तार कर लिया । और जनता पर इस तरह आंसू गैस के गोले छोड़े कि लोगो को वहां से भागना पड़ा कई की तो हालत ही खराब हो गई है । लाठी पड़ती रही आंसू गैस के गोले छोड़े जाते रहे लेकिन निहत्थी जनता आखिर करती तो क्या उसने पत्थरों को बनाया अपना निशाना । सजा दिया पुलिस वालों के लिए पत्थरो से सजा फूलों का हार । लेकिन कहते है कि दिल्ली पुलिस ने जो किया वो गंदा था । क्या उनके घर में बहू बेटी नहीं है । जो लड़कियों पर हो रहे अत्याचार को बढ़ाने का काम कर रही है ।

0 comments:

Post a Comment