
ये कैसा आम बजट है...जिसे लोगो ने सुना ही नहीं... ये बजट किसी ओर का नहीं आम जनता का है जिसे आम जनता को काफी उम्मीदे है.....लेकिन इस आम जनता के प्रतिनिधियों को इस से क्या लेना देना.... उन्हे तो अपनी नींद से मतलब है......चलिये आप को दिखाते हैं कि संसद के अंदर किन किन सांसदों ने मुन्ना भाई स्टाइल में नींद की झप्पी का मजा लिया..... ये है हामारे देश के कानून मंत्री जिन पर देश की कानून व्यवस्था का भार है देखिये ये किस तरह से आम बजट का आनंद उठा रहे है... वहीं विवादें का चोली दामन का साथ निभा रहे कांग्रेस के सांसद वीरभद्र सिंह भी पीछे नही हटे उन्होने सारे रिकोर्डो को ताक पर रख दिया.....चलिये आप को एक ओर मंत्री साहब से मिला ते है जिन पर तो संसद की कार्यवाही का भार है... जी मैं बात कर रहा हूं पवंन बंसल की... जो आम बजट से तो समझोता कर सकते है.. लेकिन अपनी नींद से नहीं ....... अब देखना ये है कि लोगो की बातों को संसद में रखने वालों उनके प्रतिनिधि कितना आम बजट को ध्यान से सुनते है और किस किस प्रश्न पर उठकर बवाल करते है....
TIME
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- और कौन हो सकता है निशाने पर (1)
- कोई बड़ी बात नहीं ये होना (1)
- चलेगा बजट सत्र या होगा हंगामा (1)
- चव्हाण की कुर्सी पर कौन ? (1)
- नाबालिग से है बलात्कार का आरोप (1)
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- निह्त्थों पर चलाई गोली (1)
- नीतीश की ताजपोशी में अश्लीलता (1)
- बाबा से करेगी शादी और हनीमून चांद पर (1)
- बिना शादी के लौटी बारात (1)
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- rachit kathil
- मै एक छोटे परिवार से हूं और एक सफल पत्रकार बनकर लोगों के कष्टों को सबके सामने लाना है....
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21 फरवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र को लेकर राजनीतिक गलियारो में काफी हलचल है...ये इस बात का संकेत है कि आने वाला बजट सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है....एक ओर विपक्ष 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर अड़ा है तो दूसरी ओर सरकार विपक्ष को मनाने में पूरी तरह विफल रही है....ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि क्या संसद का बजट सत्र सुचारू रूप से चल पाएगा या फिर संसद के शीतकालीन सत्र की तरह जेपीसी के गतिरोध की भेंट चढ़ जाएगा..... जाहिर है घोटालों और महाघोटालों से घिरी सरकार के पास विपक्ष की मांग का कोई जवाब नहीं....मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जेपीसी पर किसी भी तरह की कोई चर्चा नही हुई है.... लेकिन इस बैठक में कोई भी ऐसा नतीजा नही निकल पाया जिससे रूठे विपक्ष को मनाया जा सके.... हालांकि सूत्रो की खबर है कि बजट सत्र से पहले सरकार टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले पर जेपीसी जांच का ऐलान कर देगी..... और जेपीसी जांच का नियंत्रन अपने पास ही रखेगी.... उधर विपक्ष ने भी सरकार से साफ कर दिया है कि जबतक जेपीसी का गठन नही हो जाता सरकार का विरोध जारी रहेगा.... जाहिर है फिलहाल सभी कार्ड विपक्ष के पास है....और सरकार के पास ऐसा कुछ नही जिसे दिखाकर वो पिपक्ष को मनाए.... बहरहाल अब तो ये आने वाला समय ही बताएगा की विपक्ष को खुश करने के लिए सरकार जेपीसी का गठन करती है या फिर शीत कालीन सत्र की तरह बजट सत्र को भी विपक्ष को भेंट चढ़ा देती है…..
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर विवादों में फंसते रहे हैं....ताजा मामले में उन्होंने इस बात से मना कर कि गाय हमारी माता है... नए विवाद में फंस गए हैं। ये कैसे राजनेता हैं... जो भूल गये है हमारी संस्कृति.... ये कोई और नहीं है ये साहब हैं बीजेपी के आला नेता...... जिन्होंने कहा है कि गाय हमारी माता नहीं है... ये हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी ... जो हमेशा अपने बयानों के कारण विवादों में फंसते रहे हैं.....लेकिन लगता है अध्यक्ष पद के भार तले दबे नितिन गड़करी आजकल अपनी संस्कृति ही भूलते जा रहे है...उन्होने तो वेदों को भी चुनोती दे दी है... जिसने गाय में 84 करोड़ देवी देवताओं का वास बताया है.....क्या आप भूल रहे हैं कि यदि ये बात आप की ही सहयोगी विश्व हिंदू परिषद या फिर आरएसएस को पता चल गई तो फिर क्या होगा....वहीं कांग्रेस के सांसद रजीव शुक्ला भी इस बयान पर बोलने से पीछे नहीं हटे ...... अब क्या करें जब वोट बैंक की खातिर हमारे ही राजनेता अपने वेदों की बातों को झूठा बताने लगें तो फिर औरों की क्या बात की जाये....