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मै कैसे डालू वोट ये सोचना है बड़ा मजेदार!
मै यहाँ हू और मेरा दिल (वोट) वहां (झाँसी) है! चिठ्ठी आई है आई है चिठ्ठी आई! बड़े दिनों के बाद एक चिठ्ठी घर से आई है! घर वालो ने पूछा हेगा कैसे डालोगे तुम वोट!क्या आओगे तुम घर वापस यदि नहीं, आओगे तो क्या करो गए मुझे तो कुछ समझ न आया है! सुचता हू क्या करुगा ! केसे दूगा वोट अजी में, उन्होंने पूछा कोई तरकीब है क्या ! क्या बताऊ कुछ भी नहीं! जाने क्या होगा उस वोट का, किसकी तक़दीर का है वो, क्या उसकी नसीब मे वो है! ये बात तो न सूची किसी ने! हर एक युवा घर से है दूर, इस बारे में कोई खोज नहीं है और कोई तकनीक भी नहीं! मैएतो चक्कर में फस गया, कैसे निकुलो पता है नहीं यार और कैसे वोट मै डालो क्यों की मेरा वोट बहुत कीमती है किसे प्रत्याशी ने अभी तक नहीं सुचा है किसे ने कोई तरकीब नहीं निकली और नहीं कोई ओंलियन वोटिंग की विवसथा है!
किसी ने सच ही कहा है कि एक वोट से ही किसी कि तक़दीर बिगड़ती है!
हम जेसा युवाओ के लिए कोई तरकीब होनी चाहिए जिसे किसी बढ़िया प्रत्याशी तक़दीर न बिगड़ पाए इस के लिया सरकार को कोई मुहीम चलानी चाहिय!
जय हो युवा पीढी की

तेरी दोस्ती को पलकों पर सजायेंगे हमजब तक जिन्दगी है तब तक हर रस्म निभाएंगेआपको मनाने के लिए हम भगवान् के पास जायेंगेजब तक दुआ पूरी न होगी तब तक वापस नहीं आयेंगेहर आरजू हमेशा अधूरी नहीं होती हैदोस्ती मै कभी दुरी नहीं होती हैजिनकी जिन्दगी मै हो आप जैसा दोस्तउनको किसी की दोस्ती की जरुरत नहीं पड़ती हैकिसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगाएक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगाकोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगावो किसी और दुनिया का किनारा होगाकाम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल कोमेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगाकिसी के होने पर मेरी साँसे चलेगींकोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगादेखो ये अचानक ऊजाला हो चला,दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगाऔर यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगाकौन रो रहा है रात के सन्नाटे मेशायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा

तलाश है

Posted by rachit kathil

तलाश है,हर चहरे मे कुछ तोह एह्साह है,आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,तोह चाँद की चाहत किसे होती.कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,न बताकर बेवफाई मत करना.दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता हैअस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता हैदोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .सची है दोस्ती आजमा के देखो..करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो

इतने पास

Posted by rachit kathil

किसी के इतने पास न जा

के दूर जाना खौफ़ बन जाये

एक कदम पीछे देखने पर

सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये


किसी को इतना अपना न बना

कि उसे खोने का डर लगा रहे

इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये

तु पल पल खुद को ही खोने लगे


किसी के इतने सपने न देख

के काली रात भी रंगीली लगे

आखँ खुले तो बर्दाश्त न हो

जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे


किसी को इतना प्यार न कर

के बैठे बैठे आखँ नम हो जाये

उसे गर मिले एक दर्द

इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये


किसी के बारे मे इतना न सोच

कि सोच का मतलब ही वो बन जाये

भीड के बीच भी

लगे तन्हाई से जकडे गये


किसी को इतना याद न कर

कि जहा देखो वो ही नज़र आये

राह देख देख कर कही ऐसा न हो

जिन्दगी पीछे छूट जाये