ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए!...........
TIME
- अपनों की ठोकर (1)
- उमा की घर वापसी........ (1)
- और कौन हो सकता है निशाने पर (1)
- कोई बड़ी बात नहीं ये होना (1)
- चलेगा बजट सत्र या होगा हंगामा (1)
- चव्हाण की कुर्सी पर कौन ? (1)
- नाबालिग से है बलात्कार का आरोप (1)
- नितिन गडकरी का बयान (1)
- निह्त्थों पर चलाई गोली (1)
- नीतीश की ताजपोशी में अश्लीलता (1)
- बाबा से करेगी शादी और हनीमून चांद पर (1)
- बिना शादी के लौटी बारात (1)
- माया तेरी अजब कहानी (1)
- राम राम सत्य है मूर्दा बड़ा चुस्त है. (1)
- लंका में निकला बिग ब्रदर (1)
About Me
- rachit kathil
- मै एक छोटे परिवार से हूं और एक सफल पत्रकार बनकर लोगों के कष्टों को सबके सामने लाना है....
Followers
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment