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Tuesday, March 31, 2009

लिखूँकुछ

Posted by rachit kathil

क्या लिखूँकुछ जीत लिखू या हार लिखूँया दिल का सारा प्यार लिखूँ ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखू या सापनो की सौगात लिखूँ ॰॰॰॰॰॰मै खिलता सुरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ॰॰॰॰॰॰वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सान्स लिखूँवो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँमै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँमै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँमीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँबचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँसागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँवो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँसावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँगीता का अॅजुन हो जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ॰॰॰॰॰मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस ईन्सान लिखूँ॰॰॰॰॰मै ऎक ही मजहब को जी लुँ ॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ॰॰॰कुछ जीत लिखू या हार लिखूँया दिल का सारा प्यार लिखूँ

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