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Friday, May 20, 2011

ये जनता है सब जानती है...

Posted by rachit kathil



हमारे देश की राजनीति जब जब करवट बदलती है तब समझो कि अब कोई न कोई नया गेम शो शुरू होने वाला है.. और ये गेम शो चुनावी दौर के वक्त ही शुरू होता है... लेकिन जब चुनाव देश की राजनीति तय करने वाले प्रदेश में होतो तो बात ही कुछ ओर है..जी हां देश के कुछ राज्यों में 2012 में विधान सभा चुनाव होने है..उनमें से एक सरकारी आंकड़ो का उत्तम प्रदेश भी है जी हां उत्तर प्रदेश... जिससे पूरे देश की सत्ता तय होती है कि किस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने वाला है..लेकिन इस प्रदेश पर हर पार्टी अपना कब्जा करना चाहती है...चाहे वह राष्ट्रीय पार्टी हो या फिर राज्य स्तरी पार्टी ही क्यों न हो..सभी अपनी अपनी ताकते आजमाने में लगे है.. क्योंकि हर कोई उत्तम प्रदेश का सिरमोर पहनना चाहता है.. जिसके लिये उन्होने उत्तर प्रदेश के अति पिछड़ी जगह बुंदेलखण्ड को चुना जो हर किसी पार्टी के लिये मील का पत्थर साबित हो सकता है... जिसको कांग्रेस के युवराज ने मील का पत्थर मानकर अपनी यात्रा दुबारा यहीं से शुरु की और एक बार फिर इन बेबस और मजबूर किसानों कि दुखती रगों पर रोटियां सेकने की तैयारी में हर पार्टी इस बार बुन्देलखण्ड को ही अपना निशाना बना रही है .. ये वहीं बुन्देलखण्ड है जो कभी सूखे की मार झेलता है तो कभी ज्यादा बारिश की फिर भी यहां के किसानो की हालत इन राजनेताओं के गले नहीं उतर रही है..जिसके लिये एक तरफ राहुल अपना मिशन यूपी का सपना सजोये बुन्देलखण्ड के हर गांव के दौरे पर निकल आये है वहीं बीएसपी सुप्रीमो के दौरों के बाद अब उनका कैबिनेट मंत्रियों के दौरे बुन्देलखण्ड की जनता को दिखने लगे है... वहीं कांग्रेस युवराज राहुल गांधी के बार बार कहने पर पीएम मनमोहन सिंह ने भी बुन्देलखण्ड के दौरे पर जाना उचित समझा.. और दोनो ने इस की शुरुवात उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से की ... पहले तो दोनो ने बुन्देलखण्ड के किसानो का दुख दर्द सुना और फिर एक के बाद एक घोषणा शुरु कर दी ताकि जनता को ये लगे की उनके हित में कांग्रेस कितना सोच रही है.. लेकिन कांग्रेस ने वहां भी एक तीर से दो शिकार करना उचित समझा... और जनता को ये लगा कि ये लोग मद्द करने के लिये आये है लेकिन वहां तो कुछ ओर ही तीर चल रहे थे ... बुन्देलखण्ड के विकास के लिये प्रधानमंत्री ने जहां बुन्देलखण्ड को 200 करोड़ का बजट दिया वहीं माया मेम पर भी निशाना साधने से पीछे नहीं हटे...और ये भी कह दिया की यूपी सरकार इस बजट को लोगो तक नहीं पहुंचने देती है और वह उपर ही उपर हजम हो जाता है..लेकिन पीएम के बाद राहुल भई कैसे चुप रह पाते और राहुल ने भी माया सरकार को कठ घरे में लाकर खड़ा कर दिया... ताकि सब को ये लगे की हम जनता के बहुत हितेशी है... वहीं एक तरफ राहुल के तीर चले और माया मेम चुपचाप देखती रहे एसा तो होई नही सकता था... माया सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर ने राहुल के चलाये गये एक एक तीर का करारा जबैब दिया ओर कह डाला कि माया सरकार ने कभी भी बुन्देलखण्ड के किसानो कुछ गलत नही सोचा है माया सरकार ने तो इसे के लिये अलग से एक प्रधिकरण भी बनाया है ताकि बुन्देलखण्ड का विकास हो पाये वहीं किसानो की सरकार हर सम्भ मद्द करती है इसके लिये हर बार कोई न कोई घोषणा भी करती है...ताकि बुन्देलखण्ड के किसान को हर सम्भव मद्द मिल सके और शाशंक शेखर भी इन आरोपो को कैसे सुनलेते तो बीएसपी ने भई एक तीर से दो शिकार खेले और कांग्रेस के युवराज से पूछ ही डाला कि उनके पिता ने 1987 में बुन्देलखण्ड में एक गिलास फैक्ट्री का शिलान्यास किया था वो अब तक तो दिखाई नही दी है तो फिर कौन चोर है... लेकिन राजनेता चाहे जितनी रोटी सेक लें लेकिन इस बार जनता सब जान चुकी है कि हमारा कौन है और पराया कौन है... इस लिये कहते है कि ये जनता सब जानती है....