आखिर करे तो करे क्या ? या फिर जो चल रहा है उसे चलने दे या फिर उसका डटकर सामना करे ये सोचना उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत जरुरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश की मुखिया और बसपा सुप्रीमो मायावती जिस तरिके से पैसा खर्च कर रही ही , उस से नही लगता की उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन पायेगा बसपा सुप्रीमो को तो सिर्फ इस समय अपनी पार्टी ही दिखाए दे रही है जिस तरीके से उन्होने अपनी पार्टी की २५ वी सिल्वर जुबली बनायीं उससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को एक बार फिर खून के असू रोने पड़ सकते है मायावती ये भूल रही है कि जिस प्रदेश की वे मुखिया है उस प्रदेश की जनता भोली नहीं है वे इस सिल्वर जुबली में ये तक भूल गयी कि उनके प्रदेश का एक हिसा अज भी भुकमरी से ग्रस्त है जी हां मै उसी बुंदेलखंड कि बात कर रहा हु जहा अज से ४ साल पहिले सुखा आया था लकिन मायावती को उसकी तनिक भी चिनता नहीं है उन्हें तो सिर्फ अपने निर्वाचन स्थान और आपनी पार्टी के आलावा कुछ भी नहीं दिखाई देता है मायावती ने जिस तरीके करोड़ करोडो रूपए इस रैली खर्च किये लेकिन यदि उस गरीब जनता से पूछे कि इस रैली आखिर नुकसान किस का हुआ तो वह यही कहती है कि वक्त बताएगा ये बात मायावती और उनकी पार्टी को सोचना बहुत जरुरी है नहीं तो आगामी चुनाव मै कुछ भी हो सकता है
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- rachit kathil
- मै एक छोटे परिवार से हूं और एक सफल पत्रकार बनकर लोगों के कष्टों को सबके सामने लाना है....
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आखिर करे तो करे क्या ? या फिर जो चल रहा है उसे चलने दे या फिर उसका डटकर सामना करे ये सोचना उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत जरुरी है क्योंकि उत्तर प्रदेश की मुखिया और बसपा सुप्रीमो मायावती जिस तरिके से पैसा खर्च कर रही ही , उस से नही लगता की उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन पायेगा बसपा सुप्रीमो को तो सिर्फ इस समय अपनी पार्टी ही दिखाए दे रही है जिस तरीके से उन्होने अपनी पार्टी की २५ वी सिल्वर जुबली बनायीं उससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को एक बार फिर खून के असू रोने पड़ सकते है मायावती ये भूल रही है कि जिस प्रदेश की वे मुखिया है उस प्रदेश की जनता भोली नहीं है वे इस सिल्वर जुबली में ये तक भूल गयी कि उनके प्रदेश का एक हिसा अज भी भुकमरी से ग्रस्त है जी हां मै उसी बुंदेलखंड कि बात कर रहा हु जहा अज से ४ साल पहिले सुखा आया था लकिन मायावती को उसकी तनिक भी चिनता नहीं है उन्हें तो सिर्फ अपने निर्वाचन स्थान और आपनी पार्टी के आलावा कुछ भी नहीं दिखाई देता है मायावती ने जिस तरीके करोड़ करोडो रूपए इस रैली खर्च किये लेकिन यदि उस गरीब जनता से पूछे कि इस रैली आखिर नुकसान किस का हुआ तो वह यही कहती है कि वक्त बताएगा ये बात मायावती और उनकी पार्टी को सोचना बहुत जरुरी है नहीं तो आगामी चुनाव मै कुछ भी हो सकता है